-पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और बिहार सरकार के टकराव में अटका गोलघर का मरम्मत कार्य

-अंग्रेजों ने ढाई साल में बनवाया हम छह साल से कर रहे दुरुस्त

PATNA: एक तरफ सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की बातें करते हैं वहीं, दूसरी ओर राजधानी की पहचान 232 साल पुरानी धरोहर गोलघर का मरम्मत कार्य पिछले छह वर्ष से चल रहा है। जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी लोहे के रॉड में कैद गोलघर कराह रहा है। बाहर से आने वाले पर्यटक गोलघर की सीढि़यां भी नहीं चढ़ पा रहे हैं। इतना ही नहीं, गोलघर में चलने वाले लेजर शो भी काफी दिनों से बंद है। 20 जुलाई 1786 को पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुए गोलघर की 232 वर्ष बाद यानी आज 20 जुलाई 2018 को क्या स्थिति है। आज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल स्टोरी में पढि़ए गोलघर का पूरा सच।

मरम्मत पर एक करोड़ खर्च

गोलघर की मरम्मत के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने बिहार सरकार को 1 करोड़ 38 लाख रुपए का बजट दिया। जिसमें से करीब एक करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन 2012 से शुरू गोलघर का मरम्मत कार्य छह साल पूरे होने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है।

महीनों से बंद है लेजर शो

पर्यटकों को रिझाने के लिए बिहार सरकार की ओर से गोलघर में लेजर शो चलाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से ओपन एरिया में चलने वाले लेजर शो पिछले तीन चार-महीने से बंद है। बताते चलें कि पानी में गंदगी भरा पड़ा है।

कुर्सियां जंजीर और ताले में कैद

ओपन एरिया में चलने वाले लेजर शो में पर्यटकों के बैठने के लिए कुर्सियों खरीदी गई थी। इन कुर्सियों को जंजीर में बांधकर ताला लगाकर धूप में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जब सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया तो कैंपस में एक प्राइवेट गार्ड के अलावा कोई नहीं दिखा।

उग आए घास-फूस

गोलघर को लेकर सरकार कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गोलघर के अंदर अनाज भंडारण सहित कैंपस को प्रकाशित करने वाले हाई बोल्टेज बल्व के बॉक्स में घास-फूस उग आए हैं। जिस पर किसी का ध्यान नहीं है।

कौन है जिम्मेदार

गोलघर में पर्यटकों से भले एंट्री फीस के नाम पांच रुपए प्रति व्यक्ति वसूली चल रहा है। लेकिन छह साल से मरम्मत की आस में गोलघर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एएसआई और बिहार सरकार की आपसी टकराव में मरम्मत कार्य अटका हुआ है।

फंड की कमी है तो कल इसकी समीक्षा कर लेते हैं और जल्द ही मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। रही बात पर्यटकों की तो मरम्मत कार्य को देखते हुए ऊपर जाने से रोका गया है।

-कृष्ण कुमार ऋषि, मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार

फंड के हिसाब से कार्य हुआ है। बिहार सरकार की ओर से मरम्मत कार्य के लिए पूरा पैसा नहीं दिया गया है। इसलिए कार्य अधूरा पड़ा है।

-सुजीत नयन, अधीक्षक, एएसआई

Posted By: Inextlive