-23 नवंबर को भोर अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित की जाएगी फिल्म

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क्कन्ञ्जहृन् : बिहार के मुसहर जाति पर बनी फिल्म भोर ने एक बार फिर देश में प्रदेश का नाम रोशन किया है। देश के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में हिन्दी कैटेगरी में शामिल फिल्म भोर की स्क्रीनिग में के दौरान गुरुवार को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने फिल्म के आगे अपने प्रयास को शून्य बताते हुए डायरेक्टर कामाख्या नारायण सिंह को सम्मानित किया। पूरी टीम को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि इस फिल्म को अधिक से अधिक जगह दिखाया जाना चाहिए। 49 वें इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के गोवा में आयोजित फेस्टिवल में भोर की स्क्रीनिंग ने सभी का दिल जीत लिया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने कहा कि फिल्म समाज का सही चित्रण है। यह एयरकंडीशन में बैठकर गांव की कहनी नहीं लिखी गई है बल्कि उनके भाव को समझ कर सामने लाया गया है। गांव से हम आप बहुत दूर नहीं हैं। फिल्म को देख मै भी भूल गई थी कि मै गोवा में हूं। इसी विषय को लेकर उपन्यास लिखा था लेकिन भोर देखकर यह कह रही हूं कि मैने कुछ नहीं किया था। भोर अंधेरे के बाद आती है और इस फिल्म को हर जगह प्रदर्शित कर बड़ा संदेश दिया जाना चाहिए।

हजारों फिल्मों को पीछे छोड़ भोर हुई आगे

गोवा में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में आईएफएफआई में भोर ने हजारों फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। दुनिया भर की अलग-अलग भाषाओं में बनी कुछ चुनिंदा फिल्मों को जगह दिए जाने वाले इस फेस्टिवल में 65 से अधिक देशों में से हिंदी कैटेगरी में सिर्फ 2 फिल्मों का चयन हुआ जिसमें बिहार की पृष्ठभूमि में मुसहर जाति की महिला के संघर्ष पर बनी फिल्म ने सफलता का झंडा गाड़ दिया है। फिल्म डायरेक्टर कामाख्या नारायण सिंह की इस पहल ने बिहार में बड़ी क्रांति लाने का प्रयास किया है। भोर एक संघर्ष और सपनों को पूरा करने की कहानी है। भोर की खासियत है कि इस फिल्म पूरी तरह से रियल सेट तैयार की गई है।

Posted By: Inextlive