- कुल बंदी रक्षकों में चार महिला कांस्टेबिल व छह महिला होमगार्ड भी शामिल

- असलहों की कमी पर आईजी ने अत्याधुनिक लाइसेंस देने का दिया आश्वासन

FATEHPUR: खूंखार सजायाफ्ता कैदी व विचाराधीन बंदियों की सुरक्षा के लिए जिला कारागार खुद असुरक्षित दिख रहा है। जिला कारागार में बंदीरक्षकों के पास असलहों बेहद कमी है। भ्फ् बंदीरक्षकों के सापेक्ष सिर्फ दस रायफल ही हैं।

बताते चलें कि जिला कारागार के तेरह बैरकों में विभिन्न आरोपों हत्या, डकैती, दुष्कर्म, राहजनी, लूट, दहेज हत्या, चोरी, गैंगेस्टर, बलवा, गोली कांड आदि से संबधित एक हजार से अधिक सजायाफ्ता कैदी व विचाराधीन बंदी हैं। उनमें करीब भ्भ् महिला बंदियों का बैरक अलग है। जिनकी सुरक्षा में दो महिला कांस्टेबिल व महिला होमगार्ड जवान मुस्तैद रहती हैं। कैदियों में एक दर्जन के करीब ऐसे कैदी है जो वास्तव में खूंखार किस्म के हैं। अभी पांच माह पूर्व खाना खाने के विवाद में बंदीरक्षकों व कैदियों के बीच मारपीट हो गई थी। जिसमें घायल बंदीरक्षक ने एक कैदी के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा भी कायम कराया था। इसी तरह भंडार गृह में काम करने को लेकर कैदी भी आपस में भिड़ चुके हैं।

विभागीय सूत्रों का कहना था कि शुक्रवार को लखनऊ से आए आईजी कारागार अख्तर रियाज ने जेल प्रशासन से सुरक्षा की पोल जानी तो वह भी आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि सिर्फ दस रायफल ही थी। वहीं भ्फ् के सापेक्ष ब्क् बंदीरक्षक थे। हालांकि डिप्टी जेलरों ने सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक असलहों एसएलआर, तीन गुना अधिक रायफल व एके ब्7 की मांग रख दी। जिस पर आईजी ने आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही होने वाली मी¨टग में फतेहपुर कारागार को सुरक्षा से संबधित अत्याधुनिक असलहे दिलाने के बाबत सहमति प्रदान की जाएगी।

इस बाबत जेल अधीक्षक एनके सिंह जवाब टालते रहे लेकिन स्वीकार किया कि असलहे व बंदीरक्षकों की कमी है, शासन स्तर पर मांग के लिए पत्राचार किया गया है।

रायफल सिर्फ क्0

जरूरत ब्0 रायफलों की

एसएलआर निल

एके सैता¨लस निल

बंदीरक्षक ब्क्

जरूरत भ्फ् बंदरक्षकों की

Posted By: Inextlive