- राइट्स ने नये सिरे से तैयार किया डीपीआर, अब खर्च होंगे सात हजार करोड़

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वाराणसी में प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजना जल्द ही धरातल पर उतरती दिखेगी. यूपी कैबिनेट ने 'यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन' नाम से अलग 'एकल विशेष प्रयोजन साधन' (सिंगल स्पेशल परपज व्हीकल-एसपीवी) का गठन कर वाराणसी में मेट्रो संचालन की उम्मीद बढ़ा दी है. राइट्स संस्था ने शहर में लाइट मेट्रो चलाने को लेकर डीपीआर का प्रेजेंटेशन तैयार किया है. इस पर मंथन के लिए जल्द ही लखनऊ में वीडीए के साथ बैठक होगी, जिसमें लाइट मेट्रो के संचालन की स्थिति साफ हो जाएगी.

लखनऊ में देंगे प्रेजेंटेशन

राइट्स ने काशी में लाइट मेट्रो या मोनो रेल पर संभावनाएं जताई. लेकिन लाइट मेट्रो को ज्यादा बेहतर सुगम मानते हुए डीपीआर तैयार किया है. इसके प्रेजेंटेशन को लेकर वीडीए को पत्र भी भेजा है, जिसमें सर्वे को लेकर अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही है. काशी में मेट्रो चलाने के लिए राइट्स ने पहले जो सर्वे किया था उसमें पहला कॉरीडोर बीएचयू से लेकर भेल तक था, वहीं दूसरा कॉरिडोर बीएचयू से लेकर बेनियाबाग होते हुए सारनाथ तक बनाया गया था. इसकी लंबाई कुल 29 किलोमीटर तय की गई थी. राइट्स के अनुसार बनारस में लाइट मेट्रो चलाने पर मेट्रो की अपेक्षा आधा खर्च करीब सात हजार करोड़ रुपये आने की संभावना है. वहीं दूसरे सर्वे में राइट्स ने मेट्रो की दूरी भी चार किलोमीटर कम करते हुए मात्र 25 किलोमीटर तक कर दी है.

वर्जन.....

लखनऊ में राइट्स का प्रेजेंटेशन जल्द ही होने वाला है. इस प्रेजेंटेशन में काफी हद तक चीजें साफ हो जाएंगी. इसमें एलएमआरसी और वीडीए के अधिकारी शामिल होंगे. शासन स्तर पर होने वाली इस बैठक के सकारात्मक परिणाम आने की पूरी संभावना है.

मनोज कुमार, नगर नियोजक-वीडीए

Posted By: Vivek Srivastava