- पहली रिपोर्ट में मरीज को बताया पॉजिटिव, बाहर की हेपेटाइटिस सी जांच रिपोर्ट सामान्य

- जांच में कर्मचारियों की लापरवाही उजागर होने से अफसरों के उड़े होश

GORAKHPUR: विश्वसनीयता के कारण ही मरीज इलाज के लिए सरकारी अस्पताल व लैब पहुंचते हैं। लेकिन अगर जिला अस्पताल जैसी सरकारी संस्थाएं हीं गलत रिपोर्ट देने लगें तो क्या कहा जाए। कुछ ऐसा ही मामला जिला अस्पताल में सामने आया है। हेपेटाइटिस सी की पहली पॉजिटिव रिपोर्ट प्राइवेट हॉस्पिटल में दोबारा हुई जांच में निगेटिव निकली। साफ है कि जिला अस्पताल के जिम्मेदार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं।

रिपोर्ट बताई पॉजिटिव, प्राइवेट लैब में सामान्य

सिटी के रहने वाले मनोज ने जिला अस्पताल की ओपीडी के सर्जरी विभाग में डॉक्टर से दिखाया। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह देते हुए अस्पताल के क्षेत्रीय निदान केंद्र स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर (पीओसीटी)में हेपेटाइटिस सी (एचसीवी) जांच कराने की सलाह दी। दूसरे दिन जांच रिपोर्ट मिली तो हेपेटाइटिस सी पॉजिटिव आया। रिपोर्ट देखकर मरीज और डॉक्टर चिंतित हो गए। लेकिन डॉक्टर ने एक बार प्राइवेट लैब से भी हेपेटाइटिस सी जांच कराने को कहा। जब प्राइवेट लैब से जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। मरीज खुद दोनों रिपोर्ट लेकर जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो वे भी जबाव देने की स्थिति में नहीं थे। उनको भी अस्पताल की रिपोर्ट गड़बड़ लगी।

ओपीडी के बाद भी नहीं मिलती रिपोर्ट

जिला अस्पताल का समय सारणी के अनुसार संचालन हो रहा है। नियमानुसार सरकारी लैब्स में सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक मरीज को जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य है। लेकिन यहां कर्मचारियों की मनमानी और जिम्मेदारों की अनदेखी इस कदर हावी है कि सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ही जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं, जांच रिपोर्ट दोपहर दो बजे मिलती है। इस गंभीर स्थिति में डॉक्टर के तुरंत जांच रिपोर्ट मांगने पर मरीज को निजी लैब की शरण लेनी पड़ रही है।

वर्जन

इस मामले का पता करवाया जाएगा। यदि रिपोर्ट में गड़बड़ी हुई तो लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। आरके गुप्ता, एसआईसी, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive