GORAKHPUR : सिटी में विकास रूपी अहिल्या की गति पर लगा ब्रेक सीएम के आगमन पर आखिरकार टूट ही गया. महीनों से मरम्मत की बांट जोह रही सड़कों की सूरत बदल गई. 15 दिन में 20 किमी से अधिक लंबी सड़क की तस्वीर बदल गई तो बीच आबादी में खड़े तीन कूड़े के पहाड़ को भी पाट दिया गया. सिटी की 70 प्रतिशत से अधिक स्ट्रीटलाइट्स प्वाइंट सही हो गई वहीं इतनी बिजली मिली कि 10 साल का रिकार्ड टूट गया. प्रशासन के इस रूप को देख पब्लिक कहने लगी कि काश हर माह सीएम साहब आते तो गोरखपुर के विकास को ऐसे ही गति मिल जाती.


रातों रात बन गई सड़केंसिटी में विकास की गति 10 फरवरी के बाद देखने को मिली। सिटी की जिन सड़कों से रैली का महारेला और नेताओं का काफिला गुजरने वाला था। उन सड़कों को प्रशासन ने रातों रात बनवा दिया। मोहद्दीपुर, यूनिवर्सिटी चौराहा, बस स्टेशन होते हुए रेलवे स्टेशन तक की पूरी सड़क एक रात में बन गई। वहीं पैड़लेगंज, जेल बाईपास के पीछे और पादरी बाजार के बीच आबादी में बना कूड़े के पहाड़ को भी रातों रात पाट दिया गया। कूड़े के पहाड़ को जीएमसी ने बराबर करके ऊपर से मिट्टी गिराने के साथ ही डस्टिंग कर दिया।चमक गए डिवाइडर


महीनों पहले डिवाइडर की पेंटिंग के लिए टेंडर होने के बाद भी काम नहीं हो रहा था। सीएम के आने की खबर पर जीएमसी ने फर्म पर कड़ाई दिखाई और दो दिन में सिटी के पूरे डिवाइडर की रंगाई करने का टारगेट दे डाला, जिसका परिणाम यह रहा कि दो दिन में पूरे डिवाइडर की रंगाई हो गई। आते हैं सीएम तो चमक जाती है पिपराइच रोड

गोरखपुराइट्स दो मामले में भाग्यशाली हैं। एक तो वीआईपी के आते ही बिजली कटौती समाप्त हो जाती है। वहीं सड़कों की दशा में भी सुधार हो जाता है। इस मामले में पिपराइच रोड सबसे अधिक भाग्यशाली है, क्योंकि जब भी सीएम साहब के आने की सूचना होती है, प्रशासनिक अमला इस सड़क को चमकाने में जुट जाता है। 19 दिसंबर 2013 को खुटहन खास में जब मुख्यमंत्री आए तो उस समय इस रोड को बनाया गया, लेकिन एक माह बाद ही सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई। तब से दस दिन पहले तक प्रशासन ने इसे ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई, लेकिन जैसे ही मानबेला रैली में मुख्यमंत्री के आने की खबर मिली वैसे ही कमिश्नर के विशेष आदेश पर इस सड़क को फिर से बना दिया गया।10 साल का रिकॉर्ड टूटा

गोरखपुराइट्स भी अब चाहने लगे हैं कि हर 15 दिन पर एक बार समाजवादी पार्टी की कोई रैली सिटी में हो, क्योंकि रैली के 15 दिन पहले से ही सिटी में बिजली कटौती बंद हो गई थी। सब स्टेशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन 15 दिन में औसत 1 घंटा बिजली कटी है। सिटी में लगातार इतने दिन तक बिजली सप्लाई का 10 साल का रिकार्ड टूट गया। बिजली कटौती के बारे में इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन के एक अफसर का कहना है कि प्रदेश के सीएम के आने पर पहली बार 15 दिन पहले से ही कटौती बंद कर दी गई थी, इसके पहले 5 दिन पहले से की जाती थी। 10 साल का रिकार्ड टूटा है।  जीएमसी को केवल पार्किंग की जिम्मेदारी मिली थी, एक जगह 50 हजार रुपए का पैचिंग का काम केवल जीएमसी ने किया है। कूड़ा हटाने आदि का काम डेली रूटीन था।राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसिपल कमिश्नरपैचिंग का काम नियमित होता रहता है, रैली को देखते हुए काम तेज कर दिया गया था। इस समय पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कें सही हालत में है।महेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी

Posted By: Inextlive