गोरखपुर : तीन की बलि पर प्रशासन की आंख खुली
- भूमि विवाद की शिकायतों को हल्के में निपटाती थी पुलिस
- पुलिस कर्मचारियों की भूमिका पर एक्शन में आए एसएसपी, होगी कार्रवाईGorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: जिले में समय रहते भूमि विवाद की शिकायतें निपटाने में नाकाम पुलिस-प्रशासन की नींद लोगों की बलि चढ़ने के बाद टूटी है। खजनी एरिया में हुए ट्रिपल मर्डर के बाद सख्ती बरतने के दावे पुलिस अधिकारी कर रहे हैं। पूर्व में हुई घटनाओं में पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदार सक्रियता दिखाते तो यह नौबत नहीं आती। हलका दरोगा, लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ कार्रवाई करके अफसर सख्ती का संदेश देना चाहते हैं। लेकिन यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर कितने दिनों तक यह व्यवस्था लागू रह सकेगी। जबकि राजस्व से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए थाना और तहसील दिवसों का आयोजन बड़ी धूमधाम किया जाता है। एसएसपी ने कहा है कि भूमि विवादों में संलिप्त पाए जाने वाले पुलिस कर्मचारियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
शिकायत पर नहीं हो सकी सुनवाई
द्यखजनी एरिया के पुरासपार, सहसपुर उर्फ कुंवरजोत टोला निवासी दुर्गा सिंह और मुंशी यादव के बीच भूमि विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों ने तहसील और थाना दिवसों में एप्लीकेशन देकर मामले के निस्तारण की मांग उठाई। लेकिन राजस्व कर्मचारियों और पुलिस की लापरवाही से मामले का निस्तारण नहीं हो सका। इसी विवाद को लेकर शुक्रवार की शाम दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। एक पक्ष के दुर्गा सिंह, उनकी पत्नी कमलावती और दूसरे पक्ष के मुंशी यादव उर्फ राम मनोहर यादव की मौत हो गई। इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया। इस मामले में शनिवार को हलका दरोगा अजय यादव, लेखपाल देवाशीष यादव और कानूनगो शत्रुघ्न राय को निलंबित कर दिया गया। राजस्व कर्मचारियों और दरोगा के निलंबन के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर यह कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई। पब्लिक का कहना है कि समय रहते अफसर जाग गए होते तो इस विवाद में तीन लोगों की बलि न चढ़ती।
लापरवाही पड़ेगी भारी
खजनी की घटना से जिला प्रशासन की नींद खुली है। भूमि के ऐसे खासकर जिसमें अगल-बगल लोगों के बीच विवाद चल रहा है। उसकी शिकायत सामने आने पर तत्परता से निपटाने की कवायद हो रही है। औपचारिक कार्रवाई के बजाय पुलिस और राजस्व विभाग एक साथ मिलकर आवश्यक एक्शन लेंगे। न्यायालय में लंबित मामलों के अलावा अन्य सभी प्रकरणों में संजीदगी से कार्रवाई होगी। भूमि से संबंधित मामलों में शिकायतकर्ताओं को राहत देने के बजाय पक्षकार बनने वाले पुलिस कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। एसएसपी ने निर्देश दिया है कि भूमि के विवाद में पड़कर अपने लाभ के लिए काम करने वाले पुलिस कर्मचारी आदतों में सुधार लाएं।
अफसरों को मिलने वाली हर शिकायत, उसके निस्तारण की मॉनीटरिंग की व्यवस्था
भूमि विवाद में पहले भी गई जान 21 दिसंबर 2018: खजनी एरिया के सहसपुर उर्फ कुंवरजोत में तीन लोगों के मर्डर से सनसनी।11 नवंबर 2018: गुलरिहा एरिया के बरगदही में दो पक्षों के बीच भूमि विवाद में हत्या, 11 लोगों पर मुकदमा10 अप्रैल 2018: झंगहा एरिया के सुगहा में पिता-पुत्र की हत्या, ग्रामीणों ने पुलिस की जीप फूंक डाली।26 जुलाई: उरुवा एरिया के असिलाभार में भूमि विवाद में युवक ने चचेरे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी।30 जुलाई 2016: बांसगांव के धौंसा में भूमि विवाद को लेकर दो लोगों की हत्या, गांव में जमकर हुआ था बवालवर्जनभूमि विवाद के मामलों की शिकायत पर संवेदनशीलता से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। भूमि विवादों में पक्षकार बनकर काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।- डॉ। सुनील कुमार, एसएसपी