बस व ट्रेन में चोरी करने वाले अंतर्राजीय गैंग के पांच गिरफ्तार
- गिरोह के सदस्य बस व ट्रेन में यात्रियों की बनाते थे शिकार
- बदमाशों के पास से चरस और 14200 रुपए किए गए बरामदGORAKHPUR: बसों और ट्रेनों में यात्रियों के सामान चोरी करने वाले गैंग के पांच आरोपियों को कैंट पुलिस गिरफ्तार कर लिया. रोडवेज तिराहा के पास से गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अलीगढ़ से आकर किराए पर ठहरते थे और फिर घटना कर फरार हो जाते थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने चोरी का सामान बेचकर रखे गए 14 हजार 200 रुपए और 500 ग्राम चरस बरामद किया. सपी क्राइम अशोक वर्मा, सीओ प्रवीण सिंह और सीओ कैंट प्रभात राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बीते कुछ दिनों में बसों और ट्रेनों से चोरी की तमाम शिकायतें आने के बाद क्राइम ब्रांच, पुलिस की टीम काम कर रही थी. इसी बीच जांच में पता चला कि बाहर से कुछ लोग आते हैं और फिर धर्मशाला, होटल में ठहरकर घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं.
चलती गाड़ी में वारदात कर हो जाते थे फरारपकड़ा गया गैंग चलती गाडि़यों में वारदात अंजाम देता था ताकि यात्री बाहर चले जाएं और शिकायत भी ना करें. पुलिस इनकी तलाश में लगी थी. इस बीच मुखबिर से सूचना मिली कि रोडवेज तिराहा के पास कुछ संदिग्ध खड़े हैं. पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई और जांच में इनके पास से रुपए व चरस बरामद कर लिया. कड़ाई से पूछताछ करने में इन लोगों ने जुर्म कबूल कर लिया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान अलीगढ़ के अकराबाद थाना एरिया के दिनावली निवासी कमल सिंह, जगलासरताज निवासी बुद्धसेन, मंडनपुर निवासी सोहदान, फिरोजाबाद के मालवीयनगर निवासी राहुल कुमार, श्यामबाबू के रूप में हुई.
फेरी लगा बेचते थे चूड़ी-कंगन पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर चूड़ी-कंगन बेचते थे ताकि किसी को उन पर शक न हो. साथी चलती बस में यात्रियों को चारों तरफ से घेर लेते. उनकी नजर उनके अटैची और बैग पर रहती थी. उनके बीच एक साथी उनका सामान लेकर उतर जाता था. इसके बाद ब्लेड से बैग का निचला सिरा काटकर उसमें रखा कीमती सामान निकाल लेते थे. यह गिरोह बस और रेलवे स्टेशन पर ही घटनाओं को अंजाम देता था. एक शहर में पांच से दस दिन तक बनाते थे ठिकानाआरोपी एक शहर में पांच से दस दिन काम करने के बाद शहर बदल देते थे. इस तरह वे यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश भी जाकर इस काम को अंजाम देते थे. किसी भी शहर में रुकने के लिए रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन तथा धर्मशाला का उपयोग करते थे.