-दूध कारोबारी के अपहरण में नहीं मिला सुराग

-बिहार में गहरी पकड़ से पुलिस होती थी कामयाब

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

गोरखपुर में क्राइम कर बिहार में भागे बदमाशों की धर-पकड़ करने में पुलिस के पसीने छूटने लगे हैं। बिहार में कमजोर नेटवर्क की वजह पुलिस बदमाशों को तलाश नहीं पा रही। कैंट एरिया से चार नवंबर को अपहृत दूध व्यापारी की तलाश में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। झंगहा से फरार 50 हजार के ईनामी की तलाश में चार बार पुलिस बिहार जा चुकी है। बिहार में लोकेशन मिलने पर दोबारा पुलिस को भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर में क्राइम कर ज्यादातर बदमाश नेपाल और बिहार फरार हो जाते हैं। हालांकि पूर्व में कई बार बिहार में छिपे बदमाशों को गोरखपुर पुलिस अरेस्ट कर चुकी है।

नेचुरल काल करने उतरा, उठा ले गए बदमाश

बिहार, मुजफ्फरपुर के थाना अहिल्यापुर, बैरिया कोल्हुआ, पैगंबरपुर का मुकेश पाठक ठेकेदारी करता है। चार नवंबर को गोरखपुर स्थित एक डेयरी का टेंडर लेने के लिए वह गोरखपुर आया था। देर शाम को वापस लौटते समय वह आजाद चौक के पास पहुंचा। तभी उसने नेचुरल कॉल आ गया। फोर व्हीलर से उतरकर वह सड़क किनारे खड़ा हुआ। अचानक दूसरे वाहन से पहुंचे बदमाशों ने उसे खींचकर अपनी कार में बिठा लिया। कारोबारी का अपहरण करके बदमाश मोहद्दीपुर की तरफ भाग निकले। उसके साथ मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मुकेश के भाई राकेश ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले की जांच में जुटी पुलिस 20 दिन बाद कोई सुराग नहीं लगा सकी। पुलिस का कहना है कि पुलिस टीम जांच में जुटी है। बताया जाता है कि बिहार में कोई मददगार न होने से पुलिस नाकाम हो रही है।

बिहार में 50 हजारी की लोकेशन, फिर भी खाली हाथ

जिले के हुई कई घटनाओं में फरार 50 हजार के एक ईनामी बदमाश की लोकेशन बिहार में मिल रही है। उसके पीछे लगी पुलिस हर बार छापेमारी कर रही। लेकिन पुलिस के पहुंचने के पहले वह ठिकाना बदल दे रहा है। बताया जाता है कि एक अपराधी की शरण में पहुंचा शातिर पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। चौरीचौरा सर्किल के एक इंस्पेक्टर की मेहरबानी से उस पर शिकंजा कसने में क्राइम ब्रांच कामयाब नहीं हो सकी।

मुखबिर और माफिया करते थे मदद

पुलिस की जांच में कई बार सामने आ चुका है कि गोरखपुर में क्राइम करने वाले बदमाशों को बिहार में शरण मिलती है। बिहार के एक पूर्व बाहुबली विधायक सहित कई लोग गोरखपुर के बदमाशों को शरण देते रहे हैं। कुख्यात चंदन सिंह, अपहरण उद्योग चलाने वाले श्रीपत ढाढ़ी गैंग, कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला सहित कई कुख्यातों को बिहार में पनाह मिली है। वहां के माफिया की मदद से असलहे और रुपए भी उनको मुहैया कराए गए है। हाल के दिनों में शहर में हुई घटनाओं में शामिल कुछ बदमाश कुशीनगर होते हुए बिहार भागे थे। इनमें चौरीचौरा एरिया में पुलिस पर हमले के आरोपित मिथुन पासवान और उसके सहयोगी धीरू का नाम भी चर्चा में है। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि पहले बिहार की पुलिस, नेताओं और छुटभैया अपराधियों की मदद से यहां के भगोड़ों की लोकेशन मिल जाती थी। लेकिन सर्विलांस पर डिपेंड पुलिस खाली हाथ रह रही है।

वर्जन

शहर और आसपास के एरिया में क्राइम करने वाले कई बदमाश बिहार भाग चुके हैं। बड़हलगंज, गोला, उरुवा, गुलरिहा, चौरीचौरा सहित अन्य जगहों पर हुई घटनाओं में शामिल रहे शातिरों के बिहार में शरण लेने के मामले सामने आ चुके हैं।

-प्रवीण कुमार सिंह, सीओ क्राइम ब्रांच

Posted By: Inextlive