- हर दिन आमने-सामने आ जाती हैं गाडि़यां

- कई बाइक और कार की भी हो चुकी है भिडंत

- बाइकर्स इन रोड्स पर तोड़ते स्पीड का कांटा

GORAKHPUR: गोरखपुर शहर में सड़कें खूब बन रही हैं, लेकिन रोड की बनावट के हिसाब से संकेत लगाना जिम्मेदारों को याद ही नहीं है जो राहगीरों को खतरे और अंधे मोड़ का अहसास कराएं. शहर के पॉश इलाके के यूनिवर्सिटी तिराहे, आरटीओ तिराहे और हरिओम नगर तिराहा आदि इसके उदाहरण के लिए काफी हैं. इन तिराहों से हर दिन हजारों वाहन गुजरते हैं, इसके बाद भी यहां न तो कोई संकेत ही लिखा गया है न ही स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं. नतीजा ये कि आए दिन आमने-सामने बाइक और कारों की भिडंत भी होती रहती है. लेकिन जिम्मेदार हैं कि आए दिन होने वाली छोटी-मोटी भिड़ंत की चिंता छोड़ किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठे हैं.

बाइकर्स भरते फर्राटा, कभी भी हो सकता हादसा

इन रोड्स पर कोई बच के चले तो भी बचना मुश्किल है. कम उम्र के युवा इन रोड्स पर तेज स्पीड में बाइक दौड़ाते हैं. कोई न चाहते हुए भी इनसे टकरा सकता है. आए दिन यहां आमने-समाने बाइक की टक्कर आम बात है.

यूनिवर्सिटी तिराहे का हाल

यूनिवर्सिटी तिराहे पर पीडब्ल्यूडी, रोडवेज और डीडीयू की तरफ से लोग आते हैं. हालत ये है कि एक तरफ आने पर दूसरी तरफ दिखाई भी नहीं देता है. जबकि इसी रोड से रोडवेज की बसें भी आती-जाती रहती हैं. छोटे-मोटे हादसे तो होते ही रहते हैं लेकिन इसकी कोई खोज खबर नहीं लेता. यहां कोई स्पीड ब्रेकर भी नहीं है और न ही धीरे चलने का कोई संकेत ही लगा है.

आरटीओ ऑफिस तिराहा भी डेंजरस

यही हाल आरटीओ ऑफिस तिराहे का भी है. यहां भी तीन तरफ से गाडि़यां आती जाती हैं. इसके बाद भी यहां ना तो कोई धीमे चलने का संकेत ही लिखा है न ही स्पीड ब्रेकर बना है. केवल डीएम आवास के सामने एक स्पीड बे्रकर बनाया गया है.

हरिओम नगर तिराहा भी नहीं सेफ

अगर बात हरिओम नगर तिराहे की करें तो यहां भी तीन तरफ से गाडि़यां आती-जाती हैं. इसके बाद भी कोई संकेत या स्पीड ब्रेकर का पता नहीं है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है.

कोट्स

मैं तो जब भी इस रास्ते से गुजरता हूं तो गाड़ी स्लो कर लेता हूं जिससे कोई अनहोनी न हो.

अरविंद कुमार

रात में इन रास्तों से तो और भी बच के चलना चाहिए. सड़क पर कुछ दिखता ही नहीं है. ये बहुत ही डेंजर तिराहे हैं.

निरमन राय

बाइकर्स से बचना बहुत जरूरी है. ये तो इस रोड पर फुल स्पीड में गाड़ी चलाते हैं. बहुत ही खतरनाक मोड़ है.

पवन शर्मा

वर्जन

जहां भी अंधा मोड़ है वहां एक्सीएन से कहकर स्पीड ब्रेकर और जरूरी संकेत लगवाता हूं.

- एसपी सक्सेना, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी

Posted By: Syed Saim Rauf