एक्सीडेंट के 'कुख्यात' को भूल रही पुलिस
- मुकदमे दर्ज होने पर पुलिस मेंटेन करती आंकड़ा
- हर एक्सीडेंट में सिर्फ तेज रफ्तार को कर सके चिन्हितGORAKHPUR: शहर में एक्सीडेंट के लिए कुख्यात जगहों को चिन्हित करने में बड़ी लापरवाही हो रही है। थानों में दर्ज मुकदमों के आधार पर डेंजर प्वॉइंटस बनाए जा रहे हैं। लापरवाही की हद तो यह है कि तमाम उन जगहों की अनदेखी हो रही जहां पर डेंजरस प्वॉइंट ज्यादा हैं। एसपी ट्रैफिक का कहना है कि सबका ब्योरा मंगाया गया है। जाड़े में सुरक्षा के लिहाज से कार्रवाई चल रही है।भूले कोनी मोड़, पिपराइच रोड की अनदेखी
जिले में पुलिस विभाग ने डेंजर प्वॉइंट्स चिन्हित किए हैं। इनमें कई प्रमुख जगहों को छोड़ दिया गया है जहां पर अक्सर एक्सीडेंट होते रहते हैं। जाड़े के दिनों में अंधे मोड़, रोड से जुड़ने वाली तमाम सड़कों पर लोग वाहन लेकर एक दूसरे से टकरा जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा कुख्यात जगदीशपुर-कोनी मोड़ है जहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। लेकिन इसको पुलिस रिकॉर्ड में जिम्मेदार भूल गए हैं। जबकि अधिकतम एक्सीडेंट वाली जगहों में महज 10 स्थानों को चिन्हित किया जा सका है।
तेज रफ्तार सबसे बड़ी वजह
पुलिस रिकॉर्ड में उन्हीं मामलों को दर्ज किया जाता है जिनके मुकदमे थानों में दर्ज होते हैं। इन सभी मामलों में तेज रफ्तार को एक्सीडेंट की प्रमुख वजह माना गया है। अन्य किसी वजह को चिहिन्त करने में पुलिस नाकाम रही है। जबकि रोड की इंजीनियरिंग, रात में नशे में धुत होकर वाहन चलाने सहित कई वजहों से हादसे होते हैं।
जाड़े में रोड एक्सीडेंट बढ़ जाते हैं। इसको देखते हुए रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। रिफलेक्टर, कॉशन बोर्ड सहित अन्य चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है। हादसों वाली जगह को चिन्हित कराकर सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे।
- आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक