- 400 क्विंटल से अधिक अनन्नास की हुई आवक

-छठ पूजा के लिए जरूरी होता है डलिया व सूपा

GORAKHPUR: छठ पूजा नजदीक आने के साथ ही मार्केट पर इसका प्रभाव साफ नजर आ रहा है। शहर के मेन चौराहों पर दउरी, सुपली, फलों से दुकानें ढंकती नजर आ रही हैं। छठ पूजा में विशेष तौर पर बिकने वाले दउरी व सुपली के साथ ही चार सौ क्विंटल अनन्नास, गन्ना बिक्री के लिए सड़कों पर मौजूद है। मऊ, गाजीपुर, बलिया, बिहार के नरकटियागंज व छपरा से दउरी, सुपली लेकर दो दिनों से लगातार व्यापारी शहर में आ रहे हैं। छठ पूजा के लिए दउरी में रखकर ही पूजा के समान व फलों को लेकर घाट तक पहुंचाया जाता है। इसके धार्मिक महत्व के कारण ही सभी छठ व्रती इनकी खरीदारी जरूर करते हैं।

क्वालिटी और साइज पर है दाम

पूजा के लिए बिकने वाली दउरी की कीमत 100 से लेकर 250 रुपए तक है जबकि सुपली 30 से लेकर 80 रुपए तक में मिल रही है। इनकी कीमत साइज और यूज होने वाले बांस की क्वालिटी पर निर्भर होती है। इनका निर्माण बांसफोड़ समुदाय के लोग करते हैं जो किसानों से बांस खरीदकर खुद ही तैयार करते हैं। बांस के कम पतले छिलकों से तैयार दउरी मोटे छिलकों की अपेक्षा सस्ती होती है। हर साल छठ पूजा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण शहर में व्यापारियों की संख्या भी बढ़ रही है। इस बार छठ में इनका व्यापार 50 लाख के आसपास होने की उम्मीद है।

बिहार से भी आती है दउरी

छठ पूजा के लिए बिक रही दउरी व सुपली मऊ, बलिया, गाजीपुर, कौड़ीराम के अलावा बिहार के नरकटियागंज, छपरा व बलिया से आती है। बिहार से आने वाले प्रोडक्ट दो दिन पहले ही मंगा लिए जाते हैं, उसके बाद व्यापारी बिक्री के लिहाज से जगह का चुनाव करते हैं। ज्यादातर इनकी बिक्री नदी, पोखरों के पास की जाती है। यानि उन जगहों पर जहां छठ पूजा के लिए घाट बने होते हैं। हालांकि बिक्री केवल दो से तीन दिनों के लिए होती है इस वजह से मंगाए जाने वाले प्रोडक्ट कुछ बचने की आशंका के कारण व्यापारियों की ओर से जरूरत के अनुसार ही मंगाया जाता है।

मंडी में आया 400 क्विंटल अनन्नास

शहर की महेवा मंडी में शनिवार को छठ पूजा के लिए 400 क्विंटल अनन्नास आ चुका है। मंडी में देर शाम तक अनन्नास के फुटकर व थोक विक्रेता उपस्थित थे। ग्राहकों की भारी आवाजाही के कारण मंडी के बाहर ही सड़कों पर ट्रक खड़ी कर अनन्नास की बिक्री की जा रही थी। विक्रेता अरूण ने बताया कि छठ के बाद से ही अनन्नास की बिक्री शुरू हो जाती है, त्योहार के कारण इसकी मांग को देखते हुए एक दर्जन से अधिक ट्रक सुबह तक मंडी में आ गए थे। शहर में अनन्नास भी ज्यादातर बिहार से ही आता है। जिसमें बिहार का ठाकुरगंज एरिया प्रमुख है।

बांस का उत्पादन घटा, बढ़ी महंगाई

बांस का उत्पादन कम होने के कारण इसके दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। किसान बांस की खेती नहीं करते बल्कि उगने पर उसका संरक्षण करते हैं। बांस भी लगातार कम हो रहे हैं जिससे महंगाई बढ़ रही है और व्यापारियों का पहले के मुकाबले कम फायदा हो रहा है। महेवा पर दउरी व सुपली की बिक्री कर रहे बलिया के व्यापारी राजेन्द्र ने बताया कि हम लोग किसानों से बांस खरीदकर खुद ही बनाते हैं, तीन चार लोग मिलकर दिनभर में 5 से 6 दउरी ही बना पाते हैं। इनकी बिक्री के बाद मजदूरी भी नहीं निकल पाती है।

Posted By: Inextlive