- गोवर्धन पूजन के इस बार हैं दो मुहूर्त

- अन्नकूट के दिन होती है प्रकृति की पूजा

ALLAHABAD: पंच पर्व दीपोत्सव का चौथा पर्व अन्नकूट है। इस दिन श्रीकृष्ण के गोवर्धन स्वरूप की पूजा के साथ ही प्रकृति की भी आराधना की जाती है। 56 व्यंजनों के भोग लगाए जाते हैं, जिससे गोवर्धन महाराज प्रसन्न होते हैं। ग्रह नक्षत्रम् ज्योतिष शोध संस्थान के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय के अनुसार इस बार अन्नकूट पर पूजन के दो मुहुर्त बन रहे हैं, प्रात: काल मुहूर्त 6.41 से 8.52 और सायं काल मुहूर्त 15.28 से 17.40 तक रहेगा।

प्राकृतिक धन सम्पत्ति की होती है पूजा

गोवर्धन पूजा में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजन सन्देश देता है कि हमारा जीवन प्रकृति की हर एक चीज पर निर्भर करता है जैसे पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदी और पर्वत आदि इसलिए हमें उन सभी का धन्यवाद देना चाहिए। गोवर्धन पूजन इन सभी प्राकृतिक धन सम्पत्ति के प्रति हमारी भावना को व्यक्त करता है।

इस दिन विशेष रूप से गाय माता की पूजा का महत्व होता है। उनके दूध, घी, छांछ, दही, मक्खन यहां तक कि गोबर एवम मूत्र से भी मानव जाति का कल्याण हुआ है। ऐसे में गाय जो हिन्दू धर्म में गंगा नदी के तुल्य मानी जाती हैं, को इस दिन पूजा जाता है।

गोवर्धन पूजा की यह है विधि

- घर के आंगन में अथवा खेत में गोबर से भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बनाएं

- साथ में गाय, भैंस, खेत खलिहान, बैल, खेत के औजार, दूध दही एवम घी वाली, चूल्हा आदि को गोबर अथवा मिट्टी से बनाएं

- इस पूजा के जरिये खेती से जुड़ी सभी चीजों एवम जलवायु प्राकृतिक साधनों की पूजा करें।

- कृष्ण भगवान की आरती के बाद पूरे परिवार के साथ भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

Posted By: Inextlive