RANCHI:झारखंड में पूर्ण बहुमत के साथ आई बीजेपी आजसू गठबंधन की सरकार ने पहले दिन ही अपने वादों और इरादों से दिखा दिया कि यह सरकार कुछ खास करेगी। केन्द्र की मोदी सरकार के पदचिन्हों के साथ कदमताल करते हुए रघुवर सरकार भी राज्य में विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है। अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में इस सरकार ने जिस तरह से फैसले किए, उससे आने वाले दिनों में झारखंड में भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन की उम्मीद दिखी है।

संतुलन

झारखंड की रघुवर सरकार ने पहले दिन ही दिखा दिया कि वह संतुलन बनाकर सभी के मिल कर काम करने में विश्वास रखने वाली सरकार होगी। इसका नजारा तब देखने को मिला जब राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री के शपथ लेने के तुरंत बाद खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुण्डा को आमंत्रित किया गया है। इसके पीछे यह संदेश था कि यह सरकार झारखंड में आदिवासियों को पूरा सम्मान और अधिकार देने की पक्षधर हैं। रांची के विधायक सीपी सिंह नीलकंठ सिंह मुण्डा से काफी सीनियर हैं, इसके बाद भी नीलकंठ सिंह मुण्डा को सीपी सिंह से पहले शपथ दिलाई गई। वहीं, इस सरकार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा गया। चार सदस्यीय इस कैबिनेट में महिलाओं को भी जगह देते हुए डॉ। लुईस मरांडी को मंत्री बनाया गया, जो महिला प्रतिनिधि होने के साथ ही संताल का भी चेहरा हैं। कैबिनेट में झारखंड के सभी क्षेत्रों को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई।

स्वच्छता

रघुवर दास मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद करम टोली चौक स्थित अखरा स्थल पहुंचे और खुद झाड़ू उठा कर तालाब के आसपास सफाई की। मौके पर सीएम के साथ मंत्री सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी मौजूद थे। नए मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के साथ ही जिस तरह से स्वच्छ झारखंड की कल्पना के साथ शुरुआत की है, उससे आशा जगी है कि उनकी प्रायोरिटी साफ-सुथरा झारखंड है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश को साफ-सुथरा बनाना है। रघुवर दास शनिवार को जब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो उन्हें झारखंड को स्वच्छ और साफ सुथरा करने का निर्देश मिला था। नए मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के बाद पहला काम झारखंड को साफ सुथरा बनाने का किया है।

संवेदनशीलता

रघुवर सरकार ने पहले दिन ही अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए संवेदनशीलता दिखाई। पहली कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरों को बढ़ाते हुए सभी विधवाओं चाहे वह किसी भी उम्र की हों, आदिम जनजातियों और वृद्धों की पेंशन को बढ़ाने और एक समान करने का फैसला किया। सरकार ने छोटे-मोटे अपराधों में जेल में बंद व्यक्तियों के मामलों को जल्द निपटाने के लिए इन मामलों की समीक्षा और सभी जिलों से इसकी सूची भी मांगने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही ठंड के मौसम को देखते हुए सभी जिला के उपायुक्तों को अलाव की व्यवस्था करने के साथ कंबल बांटने का भी आदेश सरकार ने दिया।

पारदर्शिता

राज्य सरकार ने पहले ही दिन ही अपने निर्णय से दिखा दिया कि वह राज्य में जवाबदेह प्रशासन देने के लिए कमर कस चुकी है। सरकार ने पहली कैबिनेट में ही यह निर्णय लिया कि सरकार के हर विभाग मे जन शिकायत निवारण कोषांग का गठन किया जाएगा और वहीं आवेदन के संबंध में हुई कार्रवाई की जानकारी देने की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी जरूरत पड़ने पर अलग से की जा सकती है। आम आदमी अब अपने हक और अधिकार को सरकार से आसानी ले सकता है।

गतिशीलता

राज्य में शासन प्रशासन अब गति के साथ काम करेगा। इसकी बानगी सरकार की पहली कैबिनेट में ही दिखी। राज्य सरकार ने यह भी फैसला किया है कि झारखंड के सरकारी विभागों में जो भी रिक्त पद हैं, उन्हें जल्द से जल्द भरा जाएगा और किस विभाग में कितनी रिक्तियां हैं इसकी सूचना अगली कैबिनेट मीटिंग में दी जाएगी। इससे जल्द से जल्द इन पदों पर नियुक्तियां की जा सकेंगी। सरकार ने पहले दिन ही झारखंड के ऊर्जा विभाग के खाली सचिव पद पर एसकेजी रहाटे को नियुक्त कर दिखा दिया कि अब विभागों में सुचारू रूप से काम चलेगा। इसके साथ ही योजना और विकास विभाग के सचिव पद पर भी अरुण कुमार सिंह को नियुक्त किया गया।

सख्ती

झारखंड सरकार राज्य में किसी प्रकार के अपराध को अब बर्दाश्त नहीं करेगी। अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में रघुवर दास ने राज्य में अमन-चैन की बहाली के लिए लॉ एंड आर्डर को मजबूत बनाने के साथ ही अपराधियों से सख्ती से निपटने का भी निर्णय लिया है। अब राज्य में काननू का राज होगा। बिना डर-भय के लोग अपना काम कर सकेंगे। अब राज्य से अपराध को समाप्त कर दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive