शहर के राप्तीनगर में राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन जल परीक्षण क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्थापित है. यह पानी की जांच कर गुण व दोष का पता लगाती है. लेकिन स्थापना के 20 वर्षो बाद भी आज तक इसमें किसी आम आदमी ने पेयजल की जांच नहीं कराई है.

- राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन, जल परीक्षण क्षेत्रीय प्रयोगशाला की फीस बेहद महंगी

- संस्थाओं की ओर से ही कराए जा रहे टेस्ट

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: हम जो पानी पीते हैं उसमें कौन-कौन से तत्व हैं, शहर के किस एरिया का पानी अच्छा है और कहां का खराब?, क्या आरओ क्वालिटी के नाम पर बिक रही पानी की बोतलें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं? इन सामान्य से सवालों का जवाब हम सभी जानना चाहते हैं. लेकिन इसके जवाब इतने महंगे हैं कि आम आदमी जवाब जानने का खर्चा नहीं उठा सकता है. शहर के राप्तीनगर में राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन, जल परीक्षण क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्थापित है. यह पानी की जांच कर गुण व दोष का पता लगाती है. लेकिन स्थापना के 20 वर्षो बाद भी आज तक इसमें किसी आम आदमी ने पेयजल की जांच नहीं कराई है.

जांच का चार्ज 2500 रुपए
प्रयोगशाला में एक बार पानी जांच कराने की फीस जीएसटी सहित 2502 रुपए है. जिसका चार्ट प्रयोगशाला की दीवार पर लगा दिया गया है. पानी के सैंपल की 13 पैरामीटर्स पर जांच की जाती है. जिसमें अलग-अलग कैमिकल का लेवल मापा जाता है, हर पैरामीटर के अलग-अलग चार्ज भी होते हैं. सभी का चार्ज 18 प्रतिशत जीएसटी सहित 2502 रुपए होता है. हालांकि इतनी महंगी फीस के बारे में जब प्रभारी सिकंदर अली से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पब्लिक को 450 रुपए में भी सुविधा दे सकते हैं. लेकिन इस बारे में प्रयोगशाला में किसी तरह की सूचना चस्पा नहीं की गई थी.

पैरामीटर्स रेट

पीएच - 60 रुपए

टर्बिडिटी 'एनटीयू' - 60 रुपए

टीडीएस 'पीपीएम' - 100 रुपए

रेजिडुअल क्लोरीन - 100 रुपए

क्लोराइड 'पीपीएम' - 100 रुपए

फ्लोराइड 'पीपीएम' - 200 रुपए

सल्फेट 'पीपीएम' - 150 रुपए

नाइटरेट 'पीपीएम' - 200 रुपए

एल्क्लीनिटी 'पीपीएम' - 100 रुपए

टोटल हार्डनेस 'पीपीएम' - 100 रुपए

आर्सेनिक 'पीपीएम' - 300 रुपए

आयरन 'पीपीएम' - 300 रुपए

टोटल कोलीफार्म एमपीएन - 350 रुपए

अमाउंट 2120

जीएसटी 18 प्रतिशत 382

टोटल अमाउंट 2502 रुपए

अभी तक हुए हैं 44 हजार टेस्ट
आम आदमी के लिए एक भी टेस्ट नहीं होने के बावजूद अभी तक प्रयोगशाला में 44,349 टेस्ट किए जा चुके हैं. वर्ष 2018 में ही 2951 टेस्ट हुए हैं, यह सभी संस्थाओं द्वारा कराए गए टेस्ट हैं. सबसे अधिक इंडिया मार्का पंप के पानी के 31600 सैंपल्स का टेस्ट किया गया है. इसके अलावा जेई-एइएस के लिए 6336, नव निर्मित नलकूप के 1077, लोहिया ग्राम इंडिया मार्का के 1807, पुराना पंप के 1595, पाइप पेयजल योजना के 312, नए बोर किए गए नलकूप का सैंपल 502, टीटीएसपी के 243, स्टैंड पोस्ट के 45, आरओ के 17, सोलर पंप नलकूप के 38 सैंपल आदि टेस्ट कराए जा चुके हैं.

कैंपियरगंज, गोला व पिपराइच का पानी खतरनाक
गोरखपुर में सबसे अधिक खराब पानी कैंपियरगंज, गोला व पिपराइच एरिया का है. यहां के पानी में आर्सेनिक, आयरन व क्वालीफार्म की मात्रा काफी अधिक है. जिनसे गंभीर बीमारियों की आशंका बनी रहती है. जिस पानी में क्वालीफार्म की मात्रा अधिक होती है उसे पीने से टाइफाइड बीमारी फैलने का खतरा अधिक होता है. पानी की जांच तीन तरह की होती है फिजिकल, कैमिकल व बैक्ट्रोलॉजिकल 'जीवाणु परीक्षण'.

जो सैंपल लेकर आता है फीस जमा करवाकर टेस्ट किया जाता है. पानी का टेस्ट का रेट गर्वनमेंट की ओर से तय किया गया है. सरकारी संस्थाओं और पब्लिक को सस्ती दर पर सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है.

- सिकंदर अली, एक्सईएन व प्रभारी प्रयोगशाला

Posted By: Syed Saim Rauf