- न्यूट्रीशन बढ़ाने को उपज बढ़ाएगी सरकार

GORAKHPUR: पूर्वाचल से विलुप्त हो रहे मोटे अनाजों की खेती को प्रदेश सरकार बढ़ावा देगी। मिलट्ेस के उत्पादन को प्रोत्साहन देकर प्रदेश सरकार जहां डायबिटीज और हाईपरटेंशन से निपटेगी। वहीं मोटे अनाज उपजाने वाले किसानों को प्रोत्साहन संग मार्केट भी उपलब्ध कराकर सोर्स ऑफ इनकम बढ़ाएगी। प्रदेश के कृषि मंत्री का कहना है कि बाजार में मोटे अनाज वाले उत्पाद और मल्टीग्रेन आटे की मांग बढ़ रही है। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर का लेवल संतुलित बनाए रखने के लिए मोटा अनाज अमीरों और शहरी मध्यवर्ग के भोजन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है।

क्रानिक बीमारियों के बढ़ने पर बढ़ी डिमांड

दादा-परदादा के जमाने में सेहद दुरुस्त रखने वाले मोटे अनाजों का उत्पादन बहुतायत था। लेकिन समय के साथ इसका उत्पादन घटने लगा। प्रोत्साहन के अभाव में किसानों ने खेती के दूसरे तरीके अपना लिए। गेहूं, धान, दलहन और तिलहन के साथ-साथ गन्ना, केला और सब्जियों की खेती आय का मुख्य जरिया बन गई। कम पानी और मामूली देखरेख में पैदा होने वाले जौ, चना, बाजरा, मक्का, सांवा, कोदो, रागी जैसी फसलें खत्म होने लगीं। लेकिन बाद में यह सब कुछ रिसर्च और बेहतरीन नस्लों को तैयार करने तक सिमट कर रह गया था। लेकिन प्रदेश सरकार इन फसलों के उत्पादन पर विशेष ध्यान देगी। क्रानिक बीमारियों के बढ़ने से अब इनकी जरूरत आन पड़ी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सर्वे में बताया गया है कि यूपी मेंएक लाख की आबादी के बीच 1000 लोग डायबिटीज से पीडि़त हैं जबकि और डेढ़ हजार हाइपरटेंशन से पीडि़त पाए गए हैं। 1100 लोगों को क्रानिक रेस्पिटरी बीमारी हो चुकी है। इन सभी को डॉक्टर और डाइटीशियन मोटा अनाज खाने की सलाह दे रहे हैं।

होती आंतों की एक्सरसाइज

डॉक्टर्स का कहना है कि मोटे अनाज से आंतों की एक्सरसाइज हो जाती है। इसलिए जो लोग भी मोटे अनाज खाते हैं उनको कब्ज की शिकायत नहीं होती। डिप्रेशन के लिए हाई फाइबर फूड्स की डिमांड होती है। इसलिए मोटे अनाज से बने प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ी है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि किसी जमाने में लोग मोटे अनाज खाकर हेल्दी रहते थे। लेकिन समय के साथ शौकिया भोजन से थाली तो सजी लेकिन सेहत खराब होने लगी है।

क्या हाेगा फायदा

किसानों का उत्पादन बढ़ने पर बिजनेस मिलेगा। उनकी आय भी बढ़ेगी। मोटे अनाज के प्रोडक्ट्स को मार्केट मिलने से कई लोग रोजगार पाएंगे। बीमारियों से लड़ने में सक्षम अनाज खाने से लोगों को दवाओं से निजात मिलेगी। डिफरेंट किस्म के पुराने फूड प्रोडक्टस नए सिरे से लोगों की रसोई में पहुंचेंगे।

इन अनाजों को देंगे बढ़ावा

सांवा, मड़ुआ, कोदो, ज्वार-बाजारा, टागुन, जौ

वर्जन

मोटे अनाजों में फाइबर्स और न्यूटीयिस होते हैं। इनको हेल्दी फूड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पाइलट प्रोजेक्ट्स के रूप में उत्पादकता और पौष्टिकता बढ़ाने के लिए मिलेट्स ईयर मनाया जाएगा।

-सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार

Posted By: Inextlive