-राजभवन की पहल पर शोध कार्यो की गुणवत्ता को लेकर कार्यशाला का आयोजन

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PATNA: शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाएं नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी. सुधार के लिए जो पदाधिकारी अथवा शिक्षक पहल नहीं करेंगे उनके लिए दूसरी व्यवस्था करना मेरा अधिकार है. जो सुधार के लिए कार्य नहीं करेंगे, उन्हें सजा के लिए तैयार रहना होगा. यह हिदायत गवर्नर लालजी टंडन ने विश्वविद्यालय के अफसरों को दी है. राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन ने बुधवार को तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी द्वारा बुधवार को 'बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने हेतु संवेदीकरण कार्यशाला' का उद्घाटन करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में शोधपरकता को विकसित करना नितांत आवश्यक है. इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी.

प्रमाणपत्र के लिए चक्कर बर्दाश्त नहीं

उन्होंने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा मिलेगा. शोध कार्यो में गुणवत्ता विकास को लेकर नए सिरे से नीति निर्धारण भी किया जाएगा. विद्यार्थी परीक्षा दें और उन्हें प्रमाणपत्र के लिए विश्वविद्यालयों का चक्कर लगाना पड़े, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मैं खुद इन सभी बातों में सुधार के लिए रोज छह घंटे काम करता हूं. एकेडमिक और परीक्षा कैलेंडर हो, अनुशासन हो या पठन-पाठन, इन सभी चीजों में बेहतर परिवर्तन हाल के दिनों में देखने को मिले हैं. इस परिवर्तन को और तेज करने की जरूरत है.

सहयोग करने वाले होंगे सम्मानित

राज्यपाल ने कहा किराज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है. लेकिन विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. जो व्यवस्था में सुधार-प्रयासों के साथ जुड़कर सहयोग करेंगे, वे सम्मानित होंगे और जो इसे बाधित करेंगे, उन्हें सजा मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि मैकाले, मा‌र्क्स, लेनिन के दर्शन और सिद्धांतों से परिचित होने के पूर्व हमें भारतीय चिंतकों और मनीषियों के जीवन चिंतन और आदर्शो से भी अवगत होना जरूरी है. तभी हमारी ज्ञान-संपदा और विचार-यात्रा संतुलित होगी. उन्होंने कहा कि पश्चिम के इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास के साथ न्याय नहीं किया है.

Posted By: Manish Kumar