RANCHI : सदर अस्पताल का संचालन मेदांता हॉस्पिटल को देने की सरकार तैयारी कर रही है। हालांकि, इसपर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। रविवार को मेदांता हॉस्पिटल, दिल्ली के डॉ नरेश त्रेहान ने अपनी टीम के साथ सदर हॉस्पिटल का जायजा लिया। करीब दो घंटे तक उन्होंने हॉस्पिटल के हर यूनिट का भ्रमण किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सदर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स भी मौजूद थे।

10 महीने में शुरु होने की उम्मीद

सदर हॉस्पिटल का जायजा लेने के बाद डॉ नरेश त्रेहान ने कहा कि अगर उन्हें पीपीपी मोड पर इस अस्पताल के संचालन का जिम्मा मिलता है तो साल भर के अंदर इसे चालू कर दिया जाएगा। यहां पेशेंट्स को व‌र्ल्ड क्लास की ट्रीटमेंट फैसिलिटी दी जाएगी।

131 करोड़ में बना है अस्पताल

सदर अस्पताल का नया परिसर लगभग आठ लाख वर्ग फीट में बना है। 14 एकड़ में फैले इस अस्पताल का निर्माण 131 करोड़ रूपए की लागत से हुआ है। इसमें 11 मंजिली मुख्य इमारत, 10 मंजिला डॉक्टर्स हॉस्टल, सात मंजिला हॉस्पिटल स्टाफ और नर्सेज बिल्डिंग बनाया गया है।

2012 से है बनकर तैयार

2008 में सदर अस्पताल की नई बिल्डिंग की नींव रखी गई थी। 2012 में यह बनकर तैयार हुआ। 14 जुलाई 2012 को तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा की सरकार ने इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने का फैसला किया था।

2013 में निकला ग्लोबल टेंडर

सदर अस्पताल का संचालन पीपीपी मोड पर करने को लेकर 7 मार्च 2014 को ग्लोबल टेंडर निकाला गया। ग्लोबल हेल्थ मेदांता गुडगांव, टेक्नो इंडिया कोलकाता और रिसर्च इंस्टीट्यूट सिविल हेल्थ इंटीग्रेशन ने टेंडर भरा। टेक्नो इंडिया के पेपर में टेक्निकल गड़बड़ी रिसर्च इंस्टीट्यूट सिविल हेल्थ इंटीग्रेशन का पेपर नहीं होने से मेदांता का सिंगल टेंडर होने की वजह से ग्लोबल टेंडर रद कर दिया गया। अब रघुवर सरकार सदर अस्पताल के संचालन को गंभीर दिख रही है।

पीपीपी मोड पर चलाने का हो रहा विरोध

सदर अस्पताल को निजी हाथों में देने का विरोध झारखंड नागरिक प्रयास मंच कर रही है। पिछले दिनों मंच की ओर से सदर अस्पताल के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। वे आमलोगों से भी सदर अस्पताल को निजी हाथों में सौंपने का विरोध करने का आग्रह किया है। कई डॉक्टर्स भी सदर अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने का विरोध कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive