RANCHI : होल्डिंग टैक्स वसूली के मामले में सरकारी दफ्तर 'डिफॉल्टर' साबित हो रहे हैं। इनपर होल्डिंग टैक्स का लाखों रुपए बकाया है पर वे जमा करने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि होल्डिंग टैक्स से रांची नगर निगम को अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 तक 41 करोड़ रुपए मिले हैं, जिसमें सरकारी भवनों से मात्र साढ़े चार करोड़ रुपए मिला है। वहीं, मार्च तक नगर निगम को तीन-चार करोड़ रुपए और होल्डिंग टैक्स से मिलने की उम्मीद है।

हाशिए पर नोटिस

होल्डिंग टैक्स जमा कराने के लिए सरकारी भवनों की मापी कराने के बाद टैक्स की राशि बता दी गई है। इसके बाद भी रांची यूनिवर्सिटी, रांची कॉलेज, बाजार समिति के अलावा कई सरकारी दफ्तर हैं जो टैक्स जमा करने के नाम पर नगर निगम को चूना लगा रहे हैं। ऐसे में निगम की ओर से बकाया वाले सरकारी दफ्तरों व संस्थानों को नोटिस भी भेजा गया, लेकिन उन्होंने टैक्स जमा करना तो दूर नोटिस का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। नगर निगम ने फिर से होल्डिंग टैक्स जमा कराने के लिए रिमाइंडर भेजा है। अब देखना यह होगा कि इस बार भी वे होल्डिंग टैक्स जमा करते हैं अथवा नहीं।

स्ट्रक्चर्स की अभी भी हो रही पहचान

अब तक रांची नगर निगम में एक लाख 70 हजार हाउस होल्डर्स रजिस्टर्ड हो चुके है। वहीं धार्मिक स्थलों को भी इसमें जोड़ने का काम चल रहा है। वहीं नए भवनों को भी होल्डिंग टैक्स के तहत जोड़ा जा रहा है। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक,यह आंकड़ा जल्द ही एक लाख 80 हजार तक पहुंच जाएगा। चूंकि सिटी में कोई भी छोटा या बड़ा स्ट्रक्चर है उसकी पहचान कराई जा रही है। हालांकि, धार्मिक स्थलों को टैक्स में छूट दी गई है।

2016 में होल्डिंग टैक्स की दर में इजाफा

गौरतलब है कि साल 2016 में ही सरकार के स्तर पर होल्डिंग टैक्स की दर में वृद्धि की गई थी। इसके तहत सभी मकान, दुकान और सरकारी संस्थान व दफ्तरों को बढ़े हुए दर से होल्डिंग टैक्स जमा करने को कहा गया था, पर सरकारी दफ्तर व संस्थान इसे लगातार इग्नोर करते चले आ रहे हैं।

Posted By: Inextlive