अब तक लड़कों का गढ़ माने जाने वाले आईआईएम यानी भारतीय प्रबंधन संस्थान में लड़कियों की संख्या बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.


सभी छह नए आईआईएम के साथ-साथ लखनऊ और कोझीकोड आईआईएम प्रबंधन को लगता है कि अब समय आ गया है कि कार्यालयों में लिंग समानता लाने की दिशा में काम किया जाए यानी लड़कियों की संख्या बढ़ाई जाए.

ये पहली बार है कि आईआईएम की दाख़िला प्रक्रिया में लिंग असंतुलन को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत कैट यानी कॉमन एडमिशन टेस्ट के अंक, मैट्रिक और स्नातक में किए गए शैक्षणिक प्रदर्शन, नौकरी के अनुभव के अलावा अतिरिक्त अंक दिए जाने को भी दाख़िला प्रक्रिया में शामिल किया गया है.

आईआईएम में लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिए अब उन्हें ग्रेस यानी अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। हालांकि ये सुविधा केवल लड़कियों को ही नहीं होगी.

अतिरिक्त अंक

आईआईएम में दाख़िले की परीक्षा देनेवाले ग़ैर-इंजीनियरिंग छात्रों को भी अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। आईआईएम रोहतक ने हर लड़की और ग़ैर-इंजीनियरिंग उम्मीदवार को 20 अतिरिक्त अंक देने का फ़ैसला किया है। वहीं आईआईएम रायपुर ने लड़कियों और ग़ैर-इंजीनियर उम्मीदवारों को कुल प्राप्तांक में 30 अतिरिक्त अंक देने का फ़ैसला किया है.

आईआईएम लखनऊ में दाखिले की परीक्षा देने वाली लड़कियों को पांच अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे जबकि ग़ैर-इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को दो अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। इस पहल से आईआईएम प्रबंधन को लगता है कि कक्षा में लड़के और लड़कियों की संख्या का असंतुलन ठीक किया जा सकेगा.

Posted By: Inextlive