-शाम चार बजकर सात मिनट पर हुआ झंडे जी का आरोहण

-नाचते हुए संगतों ने मनाई झंडे साहिब के आरोहण की खुशी

-महंत देवेंद्र दास महाराज ने दिया आपसी सौहार्द का संदेश

DEHRADUN : अपार श्रद्धा व उल्लास के साथ शुक्रवार को श्री दरबार साहिब में झंडे जी का आरोहण किया गया। श्री गुरु राम राय महाराज जी के फ्म्8 वें जन्मदिवस पर द्रोणनगरी उनके जयकारों और भजनों से गूंज उठी। झंडे जी चढ़ाने और झंडे जी का आशीर्वाद लेने के लिए देश के कोन-कोने से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। श्री दरबार साहिब के सज्जादान नशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज के सानिध्य में संगतों ने शाम चार बजकर सात मिनट पर झंडे जी का आरोहण किया। झंडे जी में मारकीन के कपड़े के ब्0 सादे गिलाफ, सलीन के कपड़े के ख्0 गिलाफ और सबसे ऊपर एक दर्शनी खिलाफ चढ़ाया गया। दर्शनी गिलाफ की सुंदरता देखते ही बन रही थी। पंजाब के गुरप्रीत सिंह पुत्र काका सिंह को ख्ब् साल बाद दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का माैका मिला।

लाखों श्रद्धालु पहुंचे

झंडे जी मेले में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से भारी संख्या में संगत व श्रद्धालु पहुंचे। कनाडा, अमेरिका, यूके, यूएई सहित कई अन्य देशों की संगत भी झंडे जी मेले में शामिल होने के लिए दरबार साहिब पहुंची। मेला प्रशासन के अनुसार देश के कोने-कोने से तकरीबन पांच लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। पूजा स्थल पर सुबह आठ बजे महंत देवेन्द्र दास महाराज ने मुख्य पर्व की पूजा शुरू की। इसके बाद महाराज सुबह साढ़े आठ बजे झंडे जी स्थल पर गए। इसके बाद यहां पर झंडे उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई।

झंडे जी को करवाया स्नान

झंडे जी उतारने के बाद उन्हें दूध, घी, दही, शहद और गंगाजल से स्नान करवाया गया। सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे से नए गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। महंत देवेंद्र दास महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। महंत देवेन्द्र दास ने बताया कि श्री गुरु राम राय महाराज का जन्म सन् क्म्ब्म् में हुआ था। उन्होंने क्म्7म् में देहरादून में डेरा डाला था। शुक्रवार को श्री दरबार साहिब में श्री गुरु राम राय महाराज का फ्म्8वां जन्मदिवस श्रद्धापूवर्क मनाया गया।

दो सौ श्रद्धालु जुटे गिलाफ चढ़ाने में

झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाने के लिए लगभग दो सौ श्रद्धालु जुटे रहे। झंडे जी की ऊंचाई लगभग क्00 फीट है। गिलाफ के अलावा श्रद्धालुओं ने मन्नतों के कपड़े भी झंडे जी पर चढ़ाए। जैसे ही झंडे जी आरोहण की प्रक्रिया संपन्न हुई, वैसे ही झंडे जी के ऊपर बाज देखा गया। बाज ने झंडे जी की परिक्रमा की। महाराज ने कहा कि बाज को श्री गुरु महाराज जी के प्रिय पक्षी के रूप में जाना जाता है। मान्यतानुसार बाज की उपस्थिति श्री गुरु महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति का प्रतीक है।

बड़ा अखाड़ा से पहुंचे महंत

बड़ा अखाड़ा उदासीन, कनखल हरिद्वार से महंत

महेश्वरदास, महंत रघुमुनि, कोठारी माहेनदास, श्री दरबार साहिब पहुंचे। उन्होंने झंडे साहिब की पूजा-अर्चना की। झंडे साहब के आरोहण के बाद पूरा दरबार साहिब तालियों की गड़गड़ाहट और महाराज जी के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद झंडे जी स्थल और परिसर के अंदर ढोल की थाप पर संगत और श्रद्धालु जमकर झूमे।

सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम

श्री दरबार साहिब में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। परिसर के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। झंडा जी स्थल तो श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा रहा। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने घरों व दुकानों की छतों पर चढ़कर भी झंडे जी आरोहण के दृश्य का अानंद लिया।

आपसी भाईचारे व सौहार्द का दिया संदेश

महंत देवेन्द्र दास महाराज ने इस मौके पर आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दरबार साहिब में धर्म का कोई बंधन नहीं है। यहां पर सभी धर्मो के लोग श्री गुरु महाराज जी का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि झंडे जी मेले में देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में संगत व श्रद्धालु पहुंचते हैं।

ख्ब् साल बाद चढ़ाया दर्शनी गिलाफ

रोपड़ जिले के दुमणा पिंड के काका सिंह और गुरप्रीत सिंह बुकिंग के ख्ब् साल बाद दर्शनी गिलाफ चढ़ाकर गद गद हो गए। काका सिंह बताते हैं कि सन् क्990 में उन्होंने दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग करवाई थी। उन्होंने बताया कि उस वक्त उनका बेटा तकरीबन ढाई साल का था। अचानक से उसे बुखार आया और उसकी तबियत इतनी खराब हो गई कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा। बेटे का जीवन बचाने के लिए उन्होंने श्री गुरु महाराज से अरदास की थी। महाराज ने उनकी मन्नत पूरी की और उनका बेटा स्वस्थ हो गया। गुरप्रीत कहते हैं कि अपने पापा की तरह ही उनकी भी झंडे जी में अपार श्रद्धा है।

पिछली सात पीढि़यों से हमारे परिवार से लोग श्री दरबार साहिब में मत्था टेकने आ रहे हैं। यहां आकर मन को शांति और संतुष्टि मिलती है। मैं खुद पिछले फ्फ् सालों से श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस पर आ रहा हूं।

भाई कुलदीप सिंह मान

साल में दो बार झंडे जी और गुरुपर्व पर मैं जरूर दरबार साहिब आता हूं। इसके अलावा भी जब मन करता है महाराज जी का आशीर्वाद लेने पहुंच जाता हूं।

अवतार सिंह

श्री गुरु महाराज जी से जो भी मन्नत मांगों वो पूरी होती है। मैं तो बचपन से ही दरबार साहिब में आ रही हूं। हमारे परिवार में जब भी कोई शुभ कार्य होता है, तो महाराज जी का आशीर्वाद लेने जरूर आते हैं।

रजनी धीमान

जब से शादी हुई है, हर साल दरबार साहिब में मत्था टेकने आ रही हूं। महाराज जी सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यहां आकर असीम खुशी मिलती है।

बेबी काम्बोज

पिछले ख्भ् सालों से हर साल झंडे जी आरोहण पर दरबार साहिब में आ रही हूं। पूरे साल झंडे जी मेले का इंतजार रहता है। दरबार साहिब में आकर मन को शांति और सुकून मिलता है।

सुनीता काम्बोज

Posted By: Inextlive