Patna: शेरशाह सूरी का शासन नार्थ इंडिया से अफगानिस्तान तक फैला था. उसने अपने कार्यकाल में ही सासाराम में ऐतिहासिक मकबरा का निर्माण कराया जिसे इंडिया के दूसरे ताजमहल की संज्ञा दी जाती है. आज उसकी कब्र पर कोई फूल चढ़ाने वाला भी नहीं है.


पूरी तरह बदहाल छोड़ दिया गयानेशनल आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बोर्ड लगाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली है। यह यूनेस्को के वल्र्ड हेरिटेज टेंटेटिव लिस्ट में शामिल है। इस नायाब कृति को पूरी तरह बदहाल छोड़ दिया गया है। इसे वल्र्ड हेरिटेज में शामिल करवाने की चिंता किसी को नहीं है।अरब देश भागने पर मजबूर कर दियाबिहार का ऐसा पठान, जिसने सासाराम से निकलकर मुगलों को वापस अरब देश भागने पर मजबूर कर दिया। असली शेर खान, जिसने सही मायने में पहली बार विकास का असली पाठ ही नहीं पढ़ाया बल्कि धरातल पर उतार कर भी दिखाया। एडमिनिस्ट्रेशन, टैक्सेशन, पोस्टल सर्विस, आर्गेनाइज्ड रोड कंस्ट्रक्शन के शेरशाह मॉडल को ही पहले अकबर और बाद में अंग्रेजों ने अपनाया था। आज उसकी बर्थ प्लेस सासाराम में बना उसका मकबरा नेशनल हेरिटेज होने के बावजूद बदहाल है। बर्बाद होता इतिहास और नया आबाद डेटिंग प्वाइंट
आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के पांच रुपए का टिकट और नाक पर रूमाल रख कर जब आप इतिहास के झरोखे में जाते हैं तो सिर्फ बर्बाद होता इतिहास और नया आबाद डेटिंग प्वाइंट ही दिखता है। अब तक बिहार सरकार की दृष्टि भी यहां ठीक से नहीं पड़ सकी है। एक बड़े तलाब के बीचोबीच बने शेरशाह के मकबरे को दूसरा ताजमहल भी कहा जाता है। दूसरे तल्ले पर जाने की इजाजत पब्लिक को इन दिनों नहीं दी जा रही है। बन गया है स्पेशल डेटिंग प्वाइंट पानी के बीच में रेड सैंड स्टोन से 122 फुट का यह मकबरा इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर का बढिय़ा एग्जांपल है। बाहर से यह स्क्वायर में है, जिसके हर कॉर्नर को गुंबदाकार छतरी की तरह बनाया गया है। मकबरा का मुख्य हिस्सा नीचे से बहुत बड़े अष्टकोण में है। 22 मीटर में फैले अंदर के हिस्से से गुंबद की खूबसूरती किसी को भी अचंभित कर सकती है। इसके दूसरे फ्लोर को वार के पर्पस से इस्तेमाल के लिए बनाया गया था। फिलहार दूसरे तल्ले पर कुछ रिपेयर वर्क चल रहा है। एक-एक पत्थर पर की गई नक्काशी देखने लायक है। शेरशाह की कब्रगाह जितनी भी बदहाल हो, मगर यहां भी ताजमहल की तरह लोग मोहब्बत को मेमोरेबल बनाने खूब आते हैं। इसका साइड इफेक्ट यह है कि आपको दुनिया भर की शेरो शायरी और लव कोटेशंस टोंब की दीवारों पर जहां-तहां बेशर्मी से उकेरे दिख जाते हैं। कोई रोकने टोकने वाला भी नहीं है।नाक पर रूमाल रख कर दर्शन


रोजा मकबरा को जानेवाली सड़क बहुत संकरी और गंदी है। www.rohtas.bih.nic.in पर जरूर मकबरा साफ पानी में नजर आता है, जिसमें आप अपना चेहरा भी देख सकते हैं। हकीकत में पूरे तलाब का पानी ग्रीन हो चुका है। आप बिना नाक पर रूमाल लिए इसके आस-पास थोड़ी देर भी नहीं रुक सकते। मिनरल्स वाटर की बॉटल से लेकर चिप्स के पैकेट यहां पानी में तैरते दिख जाते हैं। पानी को साफ करने या इसमें ऑक्सीजन जेनरेट करने के लिए कुछ नहीं किया गया है।सूखा रोजा तो और भी बदहाल

शेरशाह के मकबरे से 500 मीटर की दूरी पर ही शेरशाह सूरी के पिता हसन खान सूरी के मकबरे की खूबसूरती भी दर्शनीय है। इसे शेरशाह टूम की रेप्लिका भी कह सकते हैं। 1540-45 में फेमस आर्किटेक्ट अलावल खान ने इसे डिजाइन किया था। यह ग्रे सैंड स्टोन से तैयार अष्टकोण में बना है। इसका गुंबद भी अद्भुत सजावट लिए हुए है। हसन खान सूरी सहित इसमें 25 कब्र है। लोकल लैंग्वेज में इसे सूखा रोजा कहते हैं और शेरशाह के मकबरे को पानी वाला रोजा कहते हैं। सूखे रोजा की हालत और भी खराब है। कैंपस में जुआ खेलते, नशा करते लोकल लड़कों का ग्रुप दिखेगा। मकड़ी के जालों तक को बरसों से साफ नहीं किया गया है। मकबरा के मेन गेट पर ताश के पत्ते और गुटका पाउच का ढेर मिलेगा। मकबरा तक जानेवाली सड़क इंक्रोच्डयहां भी सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से नेशनल हेरिटेज का बोर्ड लगा हुआ है, मगर एक गार्ड की भी व्यवस्था नहीं की गई है। कैंपस के अंदर और बाहर की स्थिति नारकीय है। मकबरा को जानेवाली सड़क भी पूरी तरह इंक्रोच्ड है। देखकर ऐसा ही लगता है कि एडमिनिस्ट्रेशन की नजर भी इस ओर कभी नहीं गई है। सासाराम के पास से ग्रैंड ट्रैंक रोड कोलकाता तक गुजरता है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की बात करें तो इसे आज तक इजी नहीं बनाया जा सका है। आज भी बोध गया और बनारस से जाने में चार घंटे तो पटना से पांच घंटे लगते हैं। पूरे रोहतास एरिया में आपको हर जगह हेरिटेज बदहाल ही दिखेगा। कुछ धार्मिक स्थलों को छोड़कर गवर्नमेंट या लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने भी दफन होती ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए कुछ खास नहीं किया है। कभी नक्सलियों के नाम पर तो कभी केंद्र और राज्य के हिस्से को लेकर सासाराम की विरासत बर्बाद हो रही है।-विनोद कुमार, सोशल एक्टिविस्ट, (तिलैथु), रोहतासchandan.sharma@inext.co.in

Posted By: Inextlive