- बदलते मौसम में वायरल के साथ लोगों में स्वाइन फ्लू का वायरल

- वायरल होने पर लोग डॉक्टर से ले रहे एंटी स्वाइन फ्लू की डोज

Meerut: दुनिया भर में बीमारियों के वायरस लगातार फैलते जा रहे हैं। जहां इबोला से पश्चिम अफ्रीका में सात हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी और अब इंडिया में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है। जनवरी में स्वाइन फ्लू से पूरे देश में करीब सवा सौ लोगों की मौत हुई। धीरे-धीरे यह फ्लू सबके मन में दहशत का पर्याय बनता जा रहा है। बदलते मौसम अगर किसी को सिंपल फ्लू भी हो तो उसको स्वाइन फ्लू का डर सताने लगता है। कभी डेंगू तो कभी स्वाइन फ्लू ने देश के लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। फिलहाल एक सिंपल फ्लू को लेकर भी लोग स्वाइन फ्लू समझकर डॉक्टर से बचाव के लिए दवा ले रहे हैं।

क्या है स्वाइन फ्लू

बेसिकली स्वाइन फ्लू वायरस भी कहा जाता है। यह वायरस दुनिया भर के सुअरों में पाया जाता है। जो इनमें एक आम वायरस है। हालांकि हमेशा ही यह वायरस ह्यूमन इन्फ्लुएंजा का कारण नहीं बनता। साल ख्009 में यह उत्तरी अमेरिका में पाया गया। जिसके बाद तेजी से दुनिया में फैला। सुअरों के संपर्क में रहने वालों में यह बीमारियां तेजी से फैलती है। इसके लक्षण सामान्य इन्फ्लुएंजा जैसे ही होते हैं। बुखार, ठंड लगना, गला खराब, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होना। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब यह बीमारी इंसानों से भी फैल सकती है।

लोगों में डर

जिस तरह लोगों में डेंगू का डर काफी घर कर गया है उसी तरह स्वाइन फ्लू भी अपना पैर जमा चुका है। जिसके चलते आजकल बदलते मौसम में होने वाले सिंपल बुखार या वायरल को भी लोग इससे जोड़कर देख रहे हैं। लोग बुखार होते ही तुरंत डॉक्टर से सलाह करते हैं और इस बीमारी से बचने के लिए ईलाज शुरू करवा रहे हैं। डॉक्टर्स भी स्वाइन फ्लू के इस वायरस का फायदा उठा रहे हैं। लैब वालों की खासी मौज आ रही है। जो जांच के नाम पर लोगों को बना रहे हैं। जो हाल डेंगू वाले केस में होता है वही आजकल इस केस में हो रहा है।

वायरस का वायरल

गवर्नमेंट ने स्वाइन फ्लू को देखते हुए सभी जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को एलर्ट किया हुआ है। साथ ही यहां व्यवस्था के लिए निर्देश दिए हुए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि आजकल लोग सिंपल फ्लू को भी इससे जोड़ रहे हैं। मौसम बदल रहा है और लोगों को इस मौसम में परेशानी होती है। लोगों को बुखार आम होता है। लेकिन हर किसी में स्वाइन फ्लू के वायरस का वायरल सा फैल गया है। बुखार का हर कोई मरीज स्वाइन फ्लू की बात करता है। जिसका फायदा लैब पर उठाया जाता है। दर्जनों टेस्ट करवाए जाते हैं। इसके बाद डर और बैठ जाता है।

स्वाइन फ्लू का वायरस

- इसके लक्षण एक सिंपल फ्लू की तरह होते हैं।

- स्वाइन फ्लू के वायरस इंसान के लंग्स को इफेक्ट करते हैं।

- इससे रेस्स्पाइरेशन सिस्टम गड़बड़ा जाता है। प्रोपर सांस नहीं आता और लंग्स अरेस्ट होते हैं।

- जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमें यह वायरस जल्दी पनपता है।

- सुअरों से आया यह वायरस इंसानों में पनपने लगा है।

- अब यह इंसान से इंसान में उसकी सांसों के जरिए फैलता है।

- डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए निर्देश जारी किए हैं।

- बताया जाता है कि इन्फ्लुएंजा के वक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता है।

स्वाइन फ्लू से बचाव

- बदलते मौसम में अभी गरम कपड़े एकदम ना उतारें।

- सुबह शाम गरम पानी पिएं।

- बासी, चिकनाई, मसालेदार, ठंडा व खट्टा खाने से बचें।

- इस वायरस से इंफेक्टेड लोगों से बचकर रहें।

- कोई होता है तो उसके आसपास सफाई रखने के साथ खुद के मुंह पर भी साफ कपड़ा रखें।

- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई ना लें।

- सामान्य इंफ्लुएंजा में एंटीवायरस दवाई लेने की आवश्यकता नहीं होती।

- होम्योपैथिक और आयुर्वेद में इस वायरस से लड़ने वाली दवाइयां हैं। जिनका प्रयोग किया जाए।

बचाव के लिए दवाइयां

इसके सिंपटम सिंपल फ्लू से मिलते हैं। लोगों को बदलते मौसम में फ्लू होना आम होता है। लेकिन आजकल लोगों में फ्लू होते ही स्वाइन फ्लू का डर घर कर रहा है। सैकड़ों मरीज आते हैं। फिर भी बचाव जरूरी हैं। स्वाइन फ्लू का वायरस इंसानों के लंग्स को इफेक्ट करता है। जिससे रेस्पाइरेशन सिस्टम बिगड़ जाता है और सांस प्रोपर नहीं आती। इससे बचाव के लिए अपने आसपास सफाई रखें। ठंडा, खट्टा, बासी, चिकनाई वाला कुछ ना खाएं। अगर कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। यह वायरस सांस के थ्रू इंसान में फैल रहा है। जिससे बचने के लिए अपने मुंह को ढक कर रखें। होम्योपैथिक में इंफ्लूएंजम-ख्00 का इस्तेमाल करें। एक एंटी वायरस ड्रग टेमीफ्लू नाम से आती है। उसका यूज कर सकते हैं।

- डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथिक विशेषज्ञ, गांधी आश्रम

Posted By: Inextlive