बढ़े रहे स्कैबीज के मरीज, दवाइयों का खत्म स्टॉक
रोजाना खाज-खुजली के लगभग 500 मरीज पहुंच रहे हैं
स्वास्थ्य केंद्रों पर गिनती के ही मरीजों को मिल पा रही है दवा Meerut। स्कैबीज यानि खाज-खुजली की बीमारी से जूझ रहे जिले के सैकड़ों मरीजों को जल्द ही संकट का सामना करना पड़ सकता है। वजह स्वास्थ्य विभाग के पास इस बीमारी के इलाज के लिए दवाइयों का स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। ऐसे में स्वास्थ्य केंद्रों पर गिनती के ही मरीजों को इसकी दवा मिल पा रही है। यह है स्थितिसीएचसी और पीएचसी पर इन दिनों सबसे ज्यादा खाज-खुजली के मरीजों की संख्या उमड़ रही हैं। विभागधिकारियों के अनुसार सभी केंद्रों पर मिलाकर रोजाना लगभग 500 मरीज इन बीमारियों से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं। मगर इसके उपचार के लिए मुख्य रूप से प्रयोग होने वाली बेनजाइल-बैंजोइट यानी बीबी लोशन व अन्य दवाइयों की शॉर्टऐज के चलते मरीजों को ट्यूब व अन्य दवाइयां देकर काम चलाया जा रहा है। जबकि विभाग के स्टॉक में मात्र 500 शीशी बीबी लोशन और 1000 लीटर अन्य साल्यूशन हैं। जिससे 10 हजार लोगों को भी दवा की सप्लाई नहीं की जा सकती है।
यह है स्कैबीजस्कैबीज रोग सारकोप्टेस स्कॉबेई नामक घुन की वजह है होती है। यह घुन स्किन में अंदर तक घुस जाता है। इसके अलावा एक-दूसरे के संपर्क में आने से भी यह रोग फैलता है। यह शरीर में लाल दाने, चकत्ते के रूप में उभरता है। जिससे पूरे शरीर में खुजली पैदा हाेती है।
ये हैं लक्षण स्कैबीज से गंभीर खुजली होती है। जो रात के समय बढ़ जाती है। रेशेज के साथ छोटे फफोले और घाव हो जाते हैं। छोटे बच्चों और बुजुगरें में खुजली की समस्या अधिक होती है। ऐसे कर सकते हैं बचाव रोजमर्रा की चीजों को गर्म पानी से साफ करें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कपड़े और तौलिए साफ करें। रोजाना जरूर नहाएं और शरीर को साफ करें। संक्रमण से खुद का बचाव करें। हमारे पास डिमांड के मुताबिक दवाई नहीं पहुंच रही हैं। कई बार कंपनियों को डिमांड भेजी जा चुकी है। सेंट्रलाइज्ड सिस्टम लागू होने के बाद हम इन दवाइयों को लोकल भी परचेज नहीं कर सकते हैं। डॉ। वीके सिंह, चीफ फार्मासिस्ट, स्वास्थ्य विभाग