अब कस्टमर बन दुकानों पर जाएंगे जीएसटी अधिकारी
-टैक्स कटौती की करेंगे जांच, कस्टमर्स को लाभ मिल रहा है या नहीं
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: कस्टमर्स को डायरेक्ट फायदा पहुंचाने और महंगाई कम करने के लिए जीएसटी काउंसिल ने कई सामानों पर टैक्स घटाया है। लेकिन जीएसटी काउंसिल तक लगातार शिकायत पहुंच रही है कि कस्टमर्स से टैक्स पुराने स्लैब से ही लिया जा रहा है। इस पर निगरानी के लिए जीएसटी काउंसिल ने अधिकारियों को कस्टमर बन कर दुकानों पर जाने और रियलिटी चेक करते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है। अगर कोई दुकानदार मनमानी करते मिला तो उसके खिलाफ एक्शन होगा। मुनाफाखोरी रोकने के लिए कदमइस प्लान के तहत आने वाले दिनों में जीएसटी कमिश्नर अपने-अपने क्षेत्र में 20 बड़े बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) सप्लायर्स की पहचान करेंगे। इसके बाद इन सप्लायर्स की इनवॉयस की जांच करेंगे। इसमें देखा जाएगा कि टैक्स की दरों में कटौती का लाभ आगे दिया जा रहा है या नहीं।
मुनाफाखोरी मिलने पर होगा मुकदमा
जीएसटी अधिकारी सामानों पर लगी एमआरपी स्टिकर की जांच भी करेंगे। यदि कहीं पर मुनाफाखोरी के सबूत मिलते हैं तो अधिकारी एक माह के अंदर राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के पास शिकायत दर्ज कराएंगे। जीएसटी अधिकारी कीमतों में बदलाव, टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता, मॉक परचेज, एमआरपी स्टिकर की जांच आदि डाटा जुटाएंगे। वर्जन-टैक्स कटौती के बाद रेट में बदलाव न किए जाने, टैक्स में अंतर के साथ ही मुनाफाखोरी की शिकायतें जीएसटी काउंसिल में पूरे देश से पहुंची हैं। इलाहाबाद में अभी इंडिविजुअल कम्प्लेन सामने नहीं आई है, फिर भी जांच कराई जाएगी। अगर कोई बिजनेसमैन ऐसा पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।
-राम प्रसाद एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2