सुविधा बन गयी है दुविधा
-जीएसटीआर-वन का रिटर्न फाइल करने का आज आखिरी मौका, पोर्टल पर लोड बढ़ने से सर्वर हो गया है डाउन
- करीब पांच हजार कारोबारियों का अटका रिटर्न पाइल, बढ़ गयी है परेशानीजीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी डेढ़ साल बाद भी सुकून में नहीं हैं। जीएसटीएन पोर्टल का सर्वर अब भी डोलडाल की स्थिति में है। रिटर्न फाइलिंग तो दूर की बात रिफंड लेने के लिए भी तमाम दिक्कतें कारोबारियों को फेस करनी पड़ रही है। सीए, वकील व कारोबारी अभी भी रिटर्न फाइल करने को लेकर आसान रास्ते तलाश रहे हैं। क्योंकि जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न फाइल करने में तमाम परेशानियां फेस करनी पड़ रही है। जीएसटीआर-वन की लास्ट डेट 31 जनवरी है मगर, अब तक सर्वर फेल ही बता रहा है। पोर्टल पर इतना लोड है कि किसी का रिटर्न दो घंटे में हो रहा है तो किसी का एक से दो-दो दिन लग जा रहा है। कारोबारियों से लेकर वकील तक हैरान-परेशान हैं। अभी भी करीब पांच हजार कारोबारियों को रिटर्न फाइल करना बाकी है।
ऑफिस का लगा रहे चक्करकारोबारियों की सुविधा के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं पर धरातल पर कहीं दिख नहीं रहा है। इसे लेकर कारोबारियों और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों में भी काफी नाराजगी है। जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराए कारोबारियों का आरोप है कि जीएसटीएन पोर्टल आए दिन फेल ही रहता है। कभी सर्वर डाउन तो कभी कुछ न कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम रहती है। उधर, हेल्प डेस्क से भी समस्याएं नहीं सुलझ रही हैं। यही कारण है कि व्यापारियों से लेकर वकील तक जीएसटी अधिकारियों के ऑफिसेज का चक्कर लगा रहे हैं।
जीएसटी में नए-नए नियम से बाजार प्रभावित है। निर्यात में रिफंड समय से नहीं मिलने से पूंजी फंस रही है। उम्मीद है सरकार जल्द ही समस्याओं का निदान कर जीएसटी को और बेहतर बनाएगी। प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल पोर्टल एकदम काम नहीं कर रहा है। डेढ़ साल बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। रिटर्न फाइलिंग में दो दिन तक का वक्त लग जा रहा है। सर्वर की प्रॉब्लम को लेकर कई बार कम्प्लेन की जा चुकी है। अतुल पांडेय, एडवोकेट सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन कारोबारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि कारोबार करें या फिर रोजाना सेल्स टैक्स ऑफिस का चक्कर लगाएं। समस्याओं को लेकर कई बार जीएसटी से जुड़े अधिकारियों से संपर्क कर सुधार की मांग की गई है। प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष महानगर व्यापार प्रतिनिधि मंडलयह स्वभाविक है कि अंतिम दिनों में यदि किसी पर अत्यधिक भार दे दिया जाए तो काम प्रभावित होता है। कारोबारी चार-पांच दिन पहले रिर्टन फाइल करें आराम से होगा।
एसके वर्मा, एडिशनल कमिश्नर (ग्रेड-वन) वाणिज्य कर विभाग एक नजर 70 हजार से अधिक हैं वाणिज्यकर विभाग के जोन में कारोबारी रजिस्टर्ड 2 जोन है वाणिज्यकर विभाग में 2995 लगभग कारोबारी रजिस्टर्ड हैं फर्स्ट जोन में 42780 कारोबारी रजिस्टर्ड है सेकेंड जोन में 35000 लगभग नए कारोबारी जीएसटी से जुड़े हैं 25,900 करदाता थे जीएसटी से पहले 20,500 करदाता और जुड़ गए 5000 लगभग कारोबारियों का अटका है रिटर्न