कैबिनेट ने मल्टीप्लेक्स प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा वसूल किये जाने वाले जीएसटी की प्रतिपूर्ति करने का निर्णय लिया है

- दस जिलों में होगा लागू, आठ महत्वाकांक्षी जिलों के अलावा दो अन्य शामिल

- मल्टीप्लेक्स में सस्ती टिकट को जीएसटी प्रतिपूर्ति की योजना की बनी नीति

- वैकल्पिक ऊर्जा में यूपी को बनाएंगे नंबर वन, दो परियोजनाओं को मंजूरी

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LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने सूबे में कुपोषण की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री सुपोषण घर योजना लागू करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि पूरे देश में कुपोषण को लेकर सबसे बदतर हालात यूपी में है। हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट में यूपी में 14 लाख कुपोषित बच्चे होने की पुष्टि की गयी है। वहीं नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी सामने आया है कि यूपी में नवजात से लेकर छह साल तक के छह फीसद बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

सीतापुर और गोण्डा भी शामिल
इस बारे में हाल ही में नीति आयोग के अफसरों के साथ बैठक में भी चर्चा हुई थी। इस कमी को दूर करने के लिए सर्वाधिक प्रभावित दस जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण घर का निर्माण किया जाएगा। इनमें से आठ महत्वाकांक्षी जिलों के अलावा सीतापुर और गोण्डा भी शामिल है। योजना के तहत सीएचसी, पीएचसी और ब्लॉक स्तर पर 28 जगह सुपोषण घर बनाए जाएंगे। इसमें छह-छह बेड के अलावा पोषण कंसल्टेंट, तीन स्टाफ नर्स, दो कुक और एक क्लीनर दिया जाएगा। वहीं यह भी सामने आया है कि जन्म के समय अल्प वजन वाले बच्चों की मॉनिटरिंग करना जरूरी है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हर 15 दिन में बच्चों के घर जाकर चार फॉलोअप करने होंगे। इसके लिए उन्हें 50 रुपये प्रति लाभार्थी दिए जाएंगे। साथ ही मुख्य सेविका को 200 रुपये प्रति बच्चा दिया जाएगा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी डीएम को सौंपेंगे। इसके लिए उन्हें हर मंगलवार लाभार्थियों के घर का भ्रमण करना होगा। जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक चलने वाली इस योजना में राज्य सरकार 5.33 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुपोषण दूर करने के राज्य सरकार के प्रयासों में यदि कोई गड़बड़ी या फर्जीवाड़े का मामला सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अन्य कैबिनेट फैसले
मार्च 2020 तक मल्टीप्लेक्स में मिलती रहेगी सस्ती टिकट
सूबे के फिल्म प्रेमियों को मल्टीप्लेक्स में मार्च 2020 तक सस्ती टिकट मिलती रहेगी। कैबिनेट ने मल्टीप्लेक्स प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा वसूल किये जाने वाले जीएसटी की प्रतिपूर्ति करने का निर्णय लिया है। इससे दर्शकों को मल्टीप्लेक्स में सस्ती टिकट खरीदकर फिल्में देखने का मौका मिल सकेगा। यह योजना पूरे प्रदेश में नये और पुराने मल्टीप्लेक्स पर लागू होगी। टैक्स प्रतिपूर्ति करने की अवधि एक जुलाई 2017 से 30 जून 2020 तक निर्धारित की गयी है। इससे राज्य सरकार के खजाने में 7.61 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का व्ययभार आएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि वर्तमान में सूबे में मल्टीप्लेक्स में लगनी वाली फिल्मों की टिकट पर 18 फीसद और 28 फीसद जीएसटी लिया जा रहा है। सौ रुपये से ऊपर की टिकटों पर टैक्स की दर 18 फीसद है जबकि दो सौ रुपये से ज्यादा की टिकट पर 28 फीसद टैक्स चुकाना होता है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का बराबर का अंश होता ह। राज्य सरकार का टैक्स का अंश सौ रुपये से अधिक के टिकट पर नौ फीसद और दो सौ रुपये से अधिक के टिकट पर 14 फीसद है जिसे अब मल्टीप्लेक्स प्रतिपूर्ति के तहत वापस ले सकेंगे। उन्होंने साफ किया कि मल्टीप्लेक्स प्रबंधन को इसका फायदा टिकट खरीदने वाले दर्शकों को देना होगा।

वैकल्पिक ऊर्जा में यूपी को बनाएंगे नंबर वन
राज्य सरकार ने वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी को नंबर वन बनाने के लिए कमर कस ली है। कैबिनेट ने इस बाबत दो अहम परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी। विगत 21 फरवरी 2018 को जारी जैव ऊर्जा नीति के तहत 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए टेंडर आमंत्रित किये गये थे। इसमें तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई जिसके बाद आकलन समिति ने दिल्ली की सनलाइट फ्यूल लिमिटेड को यह काम सौंपने का निर्णय लिया है। कंपनी सीतापुर में 1550.87 करोड़ रुपये निवेश करेगी। राज्य सरकार इसके लिए भूमि मुहैया कराएगी। यहां 500 मीट्रिक टन गन्ने की खोई से 1.75 लाख लीटर ग्रीन फ्यूल प्रति वर्ष का उत्पादन किया जा सकेगा। इसके अलावा राज्य सरकार कंपनी को जैव ऊर्जा नीति के तहत तमाम सुविधाएं भी प्रदान करेगी। इसी तरह सौर ऊर्जा नीति के तहत भी टेंडर आमंत्रित किए गये थे। इसमें 12 बिड आई थी जिससे 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना था। इसमें से दस बिड चयनित की गयी है जो 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगी और राज्य सरकार को 3.17 से लेकर 3.23 रुपये प्रति यूनिट टैरिफ की दर से बिजली देंगी। राज्य सरकार इसे जल्द शुरू करने की तैयारी में है। साथ ही उम्मीद जताई है कि जल्द ही 500 मेगावॉट और बिजली उत्पादन को कंपनियां बिड में रुचि दर्शाएंगी।

कुंभ के लिए 16 बुलेटप्रूफ गाडि़यां खरीदेगी सरकार
राज्य सरकार कुंभ में वीवीआईपी के आगमन के दृष्टिगत 16 बुलेटप्रूफ गाडि़यां खरीदने जा रही है। यह पुरानी गाडि़यों की जगह लेंगी। इनमें चार स्कार्पियों, दो जैमर वाहन, तीन बुलेटप्रूफ सफारी और सात बुलेटप्रूफ सफारी स्टार्म शामिल हैं। इन गाडि़यों को गाजियाबाद और गोरखपुर में रखने की तैयारी है ताकि कुंभ में आने वाले अति विशिष्ट महानुभावों को भ्रमण कराया जा सके। इसी तरह पूरे प्रदेश में अनेक जगहों पर पुरानी हो चुकी 79 गाडि़यों को भी बदला जाएगा। इस पर 16.25 करोड़ रुपये व्यय होंगे। साथ ही राज्य संपत्ति विभाग के स्टाफ पूल के 17 पुराने वाहनों को भी बदला जाएगा। इनकी जगह पांच इनोवा क्रिस्टा, पांच स्कार्पियो और 17 होंडा सिटी गाडि़यां खरीदी जाएंगी। इस पर करीब 2.26 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

तीन जगहों पर देंगे सुविधाएं
कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कैबिनेट ने तीन स्थानों पर निर्माण कार्य कराने का निर्णय लिया है। प्रयागराज के दारागंज स्थित बेनी माधव मंदिर और झूंसी स्थित पंच दिगंबर अनी अखाड़ा व ब्रहृमचारी आश्रम में 3.23 करोड़ की लागत से कमरों, वॉशरूम, किचन इत्यादि का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए नगर विकास विभाग का बजट इस्तेमाल किया जाएगा।

गोरखनाथ शोध पीठ की स्थापना
गोरखपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी परिसर में गुरु गोरखनाथ शोध पीठ की स्थापना का प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। सांस्कृतिक विभाग द्वारा पुरानी कॉमर्स बिल्डिंग को ध्वस्त कर इसका निर्माण कराया जाएगा। इसमें करीब 13.83 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

Posted By: Inextlive