RANCHI: 'हम साथ चल रहे हैं, कुछ लोग जल रहे हैं' मंजर भोपाली इस मशहूर शेर के साथ जब गुलाम अली के शार्गिद ने जैप ग्राउंड में सजीले मंच पर गजलों का आगाज किया, तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने गुरु उस्ताद गुलाम अली के पहले लोगों की खिदमत में गजल पेश कर नई अली खां ने एक से बढ़ कर एक गजलों को पेश कर समा बांध दिया। 'तुम्हे जरूर कोई चाहतों से देखेगा, मगर वो आंख हमारी कहां से लाएगा ' हम साथ चल रहे हैं, कुछ लोग जल रहे हैं। उनकी नजर रुकी है, उनकी नजर उठी है। जो इश्क न कर पाए, वो हाथ मल रहे हैं। जो मेरी जां के मंज नजरें बदल रहे हैं। इसके बाद उन्होंने आगा बिसमिल साहब की गजल तेरी नजर के इशारे बदलते रहते हैं, वो लोग तेरे बहाने बदलते रहते हैं। इसके बाद जब तसव्वुर मेरा चुपके से तुझे छू आए, घंटियां बजने लगी हिज्र के सन्नाटे में। इसके बाद महफिल परवान चढ़ी और एक से बढ़कर एक गजलों का दौरा चला।

दोस्त भी दिल ही दुखाने आए

खवातीनों हजरात, मेरे चाहने वालों से ज्यादा मैं उनको चाहने वाला हूं। जो अच्छा गाना सुनता है मैं उसे भूलता नहीं। मैं बड़ा फनकार नहीं हूं। बल्कि अच्छे फनकारों को मानने वाला हूं। इस आवाज के साथ उस्ताद गुलाम अली ने अपने चाहने वालों के बीच दस्तक दी। मौका था ऑल इंडिया पुलिस लॉन टेनिस चैंपियनशिप के मौके पर जैप वन में संगीत समारोह का। इनसे तेरी बातें ही सुनाने आए, दोस्त भी दिल ही दुखाने आए, फूल खिलते हैं तो हम सोचते हैं, तेरे आने के जमाने आए। इसके साथ पूरी महफिल में गुलाम अली साहब के जमाने में गाई जाने वाली गजलों की खुशबू ने असर करना शुरू कर दिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक शेर और गजलों को सुनाकर लोगों पर संगीत का जादू बिखेर दिया। 'वो उन्हें याद कर जिसने भुलाया हो वो कभी, हमने ने उनको भुलाया न याद किया.' रोज कहता हूं भूल जाऊं उसे, रोज ये बात भूल जाता हूं के शेरों के साथ उन्होंने अपनी फेमस गजल चुपके-चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है, हमको अब तक आशिकी का वो जमाना याद है। तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा, और तेरा दातों में यूं उंगली दबाना याद है। इसके बाद हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह जैसी गजलों को सुनाकर महफिल में रंग भर दिया।

गुलाम अली को सुनने के लिए झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वीरेन्द्र सिंह, झारखंड सरकार के मुख्य सचिव राजीव गौबा, डीजीपी डीके पांडेय सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारी पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत में चीफ जस्टिस ने गुलाम अली को शॉल ओढ़ा कर और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। उनके साथ मंच पर विभिन्न साजों पर साथ रहे लोगों को भी सम्मानित किया गया। मंच का संचालन संपत मीणा ने किया और आए हुए लोगों का स्वागत इस कार्यक्रम के सचिव कमल नयन चौबे ने किया।

Posted By: Inextlive