बॉलीवुड के 'बैडमैन' के नाम से मशहूर गुलशन ग्रोवर ने हिंदी सिनेमा में अपना अलग मुक़ाम हासिल किया है. स्टारडम पाने के लिए उन्होंने कई सकारात्मक भूमिकाएं भी ठुकराईं. मगर अब उन्हें लगता है कि बॉलीवुड में खलनायकों का दौर उन्हीं के साथ समाप्त हो जाएगा.


गुलशन ग्रोवर ने तक़रीबन 350 से अधिक फ़िल्मों में काम किया और इनमें से अधिकतर में खलनायक की भूमिका निभाई.उनका मानना है कि यादगार खलनायकों का दौर उनके साथ ही ख़त्म हो जायेगा और सिर्फ खलनायक बनकर स्टारडम हासिल करना अब संभव नहीं है.गुलशन कहते हैं, ''जैसे आखिरी मुग़ल था, वैसे ही आख़िरी ख़ालिस खलनायक मेरे साथ ख़त्म हो जाएगा. इसलिए नहीं कि आज की पीढ़ी समझदार नहीं है, बल्कि इसलिए कि केवल खलनायक बनकर आमदनी नहीं होगी. अब कितने सारे हीरो खलनायक का किरदार निभाने लगे हैं."'स्लमडॉग.. छोड़ना ग़लती थी'गुलशन ग्रोवर ने बॉलीवुड से हॉलीवुड का एक सफल सफ़र भी तय किया पर उन्हें दुख है कि वह आठ ऑस्कर जीतने वाली फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' का हिस्सा नहीं बन पाए.


ग्रोवर ने कहा, ''अनुराग मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और बड़ा क़ाबिल निर्देशक है, लेकिन उसने पहले अपनी फ़िल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' में तिग्मांशु धूलिया को खलनायक बनाया और अब फ़िल्म 'बॉम्बे वेलवेट' में करण जौहर को ख़लनायक बनाया है. उसे खलनायक की भूमिका करने वाले कलाकार नहीं दिखाई देते!"

गुलशन ग्रोवर कहते हैं, "फ़िल्म व्यवसाय कला से जुदा व्यवसाय है. फ़िल्मों को समाज में नकारात्मकता के लिए आरोपी ठहराना उचित नहीं. इसकी ज़िम्मेदारी ख़ुद दर्शक पर है. जैसी फ़िल्में चलेंगी, वैसी ही तो फ़िल्में बनेंगी. यह तो उपभोक्ता की मांग है."बैडमैन का रोमांसगुलशन ग्रोवर की पाँच फ़िल्में रिलीज़ होने को हैं. इनमें तिग्मांशु धूलिया की बहुचर्चित फ़िल्म ''बुलेट राजा'' भी है. इसमें वह खलनायक की भूमिका में नज़र आएंगे.शु़जा अली की फिल्म 'बात बन गई' में वह पहली बार गे किरदार निभाते नज़र आएंगे.कैमरे के सामने रोमांस से परहेज़ करने वाले गुलशन ग्रोवर अपनी आने वाली फ़िल्म 'रक्त' में रोमांस करते दिखेंगे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh