- दोस्त का दावा, पिस्टल साफ करते वक्त भुवनेश को लगी गोली

- पूर्व सांसद वीरपाल का भतीजा भुवनेश ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर था तैनात

बरेली : बारादरी के गणेशपुरम में सैटरडे को पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव के भतीजे और ग्राम पंचायत अधिकारी भुवनेश यादव की गोली लगने से संदिग्ध हालात में मौत हो गई। गोली सीने में दाहिने फेफड़े को चीरते हुए पार निकल गई है। घटना के वक्त वहां मौजूद भुवनेश के साथी ने पिस्टल की सफाई करते समय गोली चलने की बात कही है। अपनी शुरुआती जांच में पुलिस भी इसे हादसा मान के चल रही है। फील्ड यूनिट ने सचिव के हाथ का स्वेप लेकर पिस्टल को कब्जे में ले लिया है।

सुबह 11 बजे हुई वारदात

भुवनेश के साथ मकान के दूसरे कमरे में शाहजहांपुर के मई खुर्दकला परौर निवासी अमित रहता है। बीएड का छात्र अमित कई वर्षो से भुवनेश जानता है। अमित ने बताया कि सैटरडे दिन में करीब साढ़े 11 बजे वह वह और भुवनेश अपने-अपने रूम में थे। अचानक उसे तेज आवाज सुनाई दी, लेकिन उसने इग्नोर कर दिया। कुछ देर बाद भुवनेश के चीखने की आवाज आयी तो वह उसके कमरे में गया। भुवनेश ने उससे कहा कि सफाई के दौरान पिस्टल चलने से उसे गोली लग गई है। उसने पलम्बर नरेश की मदद से भुवनेश को बाइक पर बैठाकर पास के प्राइवेट हॉस्पिटल ले गया।

तीन हॉस्पिटल ने इलाज करने से किया इनकार

अमित की मानें तो वह भुवनेश को पहले पास के हॉस्पिटल में ले गया था, लेकिन वहां डॉक्टर न होने की वजह से उसे एडमिट नहीं किया गया। उस वक्त तक भुवनेश बात कर रहा था। इसके बाद वह भुवनेश को लेकर एक के बाद एक तीन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में लेकर गया। वहां भी उसे एडमिट नहीं किया गया। आखिर में वह भुवनेश को सिविल लाइंस स्थित चौथे प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। यदि भुवनेश को समय से इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

पिस्टल और कारतूस मिले

सूचना पाकर मृतक के परिजन, वीरपाल सिंह यादव व अन्य नेता हॉस्पिटल पहुंचे गए। एसएसपी मुनिराज और एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने हॉस्पिटल जाकर जांच की। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची। इस वक्त तक आसपास के लोगों को इस बात की कोई जानकारी ही नहीं थी कि वहां कोई वारदात हुई है। और न ही किसी ने गोली चलने की आवाज सुनी थी। इसके बाद अमित मौके पर पहुंचा और मकान का ताला खोलकर एंट्री की गई। जिस जगह पर भुवनेश का बिस्तर था, वहां साइड में पिस्टल पड़ी थी और एक खोखा भी पड़ा था। भुवनेश का मोबाइल, कागज और पेन भी बिस्तर पर पड़ा था।

मैग्जीन निकालना भूल गया होगा

पुलिस की मानें तो भुवनेश की पिस्टल में मैग्जीन लगी हुई थी। उसने सफाई के दौरान एक गोली निकाल दी लेकिन वह मैग्जीन निकालना भूल गया होगा। पुलिस अमित के बयान को भी वेरीफाई कर रही है। पुलिस भुवनेश के नंबर को भी सर्विलांस पर लगा रही है।

वर्जन

गोली लगने से ग्राम पंचायत अधिकारी की मौत हुई है। साथी के मुताबिक सफाई के दौरान गोली चली है। पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

मुनिराज जी, एसएसपी

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बॉक्स : एसडीएम बनना चाहता था भुवनेश

विशारतगंज के सिसौना गांव का रहने वाला 26 वर्षीय भुवनेश यादव के पिता रघुराज यादव किसान हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महासचिव वीरपाल सिंह यादव उसके मौसा हैं। भुवनेश तीन भाई हैं, उनमें से एक भाई उमेश यादव नासिक में आर्मी में तैनात हैं। भुवनेश 6 महीने पहले ग्राम पंचायत अधिकारी बना था और उसकी बिथरी चैनपुर ब्लॉक में पोस्टिंग थी। वह पवन विहार के पास गणेश पुरम कॉलोनी में प्रेमपाल गंगवार के मकान में किराये पर रहता था। उसके पास लाइसेंसी पिस्टल थी। वह एसडीएम बनने के लिए यूपीएससी की भी तैयारी कर रहा था।

Posted By: Inextlive