डीबीआरयू में छात्रसंघ की चुनावी चौसर सज गई है. इस पर अच्छी कम बुरी चालें अधिक चली जा रही हैं. वोटर समर्थन देने से इंकार कर रहा है तो पीटा जा रहा है. गुंडागर्दी के मारे कैंपस में दहशत है. अपनी पढ़ाई में रुचि रखने वाले वोटर चुपके-चुपके एक ही बात कह रहे हैं कि जैंटलमैन बनने को यूनिवसिर्टी में दाखिला लेने वाले प्रत्याशियों ने चुनाव में अपना दांव लगाकर गिरगिट की तरह रंग बदल लिया है.


गुंडागर्दी के बीच कैसे करेंगे लीडर का चुनावछात्र संघ चुनाव का आगाज होते ही डीबीआरयू के कैंपस और कॉलेज अशांत हो गए हैं। स्टूडेंट लीडर्स की गुंडागर्दी शुरू हो गई है.  वोट मांगने और चुनाव जीतने के लिए वो हर हथकंडा अपना रहे हैं। सैटरडे को वोट देने से मना करने पर एक स्टूडेंट की पिटाई कर दी गई। इस मामले में छात्रसंघ प्रत्याशी और उनके समर्थकों के खिलाफ मारपीट की न्यू आगरा थाने में तहरीर दी गई है। रास्ते में पकड़ कर पीटा


दाऊदयाल इंस्टीट्यूट के बीएससी फस्र्ट ईयर का स्टूडेंट निशांत सिंह मार्निंग में घर से कैंपस आ रहा था। मऊ रोड पर कुछ छात्र नेताओं ने आकर उससे मारपीट कर दी। निशांत ने एनएसयूआई के प्रत्याशी मनीष गौतम, धर्मेंद्र चाहर, अवनीश काजला, हर्ष उपाध्याय, योगेश डाबर, अमित सिंह, अजीत गौतम पर मारपीट का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि इन लोगों से उससे समर्थन मांगा था। जब उसने समर्थन देने से मना किया, तो इन्होंने मारपीट शुरू कर दी.  पीडि़त स्टूडेंट निशांत सिंह का कहना है कि आरोपियों ने मारपीट के बाद उसके मुंह में पिस्टल डाल दी। साथ ही शहर छोडऩे की धमकी दे डाली। वह बहुत घबराया हुआ है। इस घटना से उसके साथी इलेक्शन में सपोर्ट न करने का मन बना रहे हैं। संगठनों की रार से सहमे वोटर  डीबीआरएयू में चुनाव भले ही छात्रसंघ का होने जा रहा है लेकिन इसमें वह सभी बुराई घुस गई हैं जो एमपी-एमएलए के चुनावों में देखने को मिलती हैं। छात्र संगठनों के अंदर की रार खुलकर दिखने लगी है। एक बड़े संगठन के कार्यकर्ता तो दो गुट में खुलेआम दिख रहे हैं। इसका असर छात्रों पर पड़ रहा है। माहौल खराब करती है मारपीट छात्रसंघ चुनाव में टिकट वितरण को लेकर जब से गुटबाजी शुरू हुई है, मारपीट की घटनाएं बढ़ गई हैं। फ्राइडे नाइट को एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के साथ हुई मारपीट ने माहौल को और खराब किया है। डरे सहमे स्टूडेंट्स किसी के भी खिलाफ बोलने से कतरा रहे हैं। वोट देने के नाम पर वे कह रहे हैं कि सोचेंगे। तो जीतने के बाद क्या करेंगेछात्रसंघ चुनाव में बड़े संगठन के खेल का खुलासा होने के बाद स्टूडेंट्स का छात्र संगठनों से मोहभंग हो रहा है। वे ऐसी पार्टी के प्रत्याशी को वोट देने से कतरा रहे हैं। आईनेक्स्ट ने सैटरडे को तीन लाख में मिल रही टिकट शीर्षक से न्यूज प?िलश की थी। इस पर स्टूडेंट्स ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

सपा छात्रसभा ने किया विरोध मैं तो इस चुनाव से डर रहा हूं। आए दिन यूनिवर्सिटी में मारपीट हो रही है। जब ऐसे स्टूडेंट्स को प्रत्याशी बना दिया है, तो अराजकता फैलेगी ही। उदयराज सिंह, थाना प्रभारी, न्यू आगरास्टूडेंट्स शिकायत लेकर आए थे। हमने मामले की जानकारी कराई, तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है। स्टूडेंट शिकायत दर्ज कराए बिना चले गए.


चुनाव के दौरान बरती जा रही सख्ती का सपा छात्रसभा ने विरोध किया। एबीवीपी समर्थकों के कैंपस में बिना आईकार्ड प्रवेश पर आपत्ति जताई। स्टूडेंट्स का कहना था कि सांसद रामशंकर कठेरिया के साथ एक संगठन के प्रत्याशी कैंपस में प्रवेश कर रहे हैं। छात्रों ने मैन गेट पर नारेबाजी की। उन्होंने चुनाव में पोलिंग के दौरान विवि कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की मांग भी की है। मदनमोहन शर्मा, आलोक यादव, देवेंद, निर्वेश, केके राय, पुनीत सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।खंदारी कैंपस छावनी में त?दीलडॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी का खंदारी कैंपस सैटरडे को छावनी में बदला नजर आया। कैंपस के मैनगेट पर पुलिस फोर्स तैनात रहा। साथ ही कैंपस में हर आने जाने वाले स्टूडेंट के आई कार्ड चेक किए गए। इस दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ। राजेंद्र शर्मा समेत कई अधिकारी गेट पर स्टूडेंट्स की चेकिंग करते रहे।राहुल यादव, स्टूडेंटये बिल्कुल गलत है। चुनाव कमेटी को इसकी देखरेख करनी चाहिए। ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देना ही नहीं चाहिए। इससे अच्छा तो चुनाव न हों। अनुराग सिसोदिया, स्टूडेंट
देवकार सिंह, स्टूडेंटजब पैसे देकर टिकट पा रहे हैं, तो जीतने के बाद जरूर पैसा निकालने की सोचेंगे। हम छात्रों का भला तो बहुत दूर रहा। हमें ऐसे चुनाव नहीं चाहिए। गौरव शर्मा, स्टूडेंटचुनाव में हर कोई टिकट के लिए परेशान था। मुझे समझ नहीं आता कि टिकट के लिए इतनी लड़ाई क्यों। इन चुनावों से स्टूडेंट्स का भला तो होना नहीं है। आलोक यादव, जिलाध्यक्ष सपा छात्र सभाये बिल्कुल गलत है। यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे प्रत्याशी छात्रों का हित कैसे करेंगे। नवीन गौतम, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, एबीवीपीचुनाव में पैसे का खेल होना सरासर गलत है। ये छात्र राजनीति को गंदा करने की कोशिश है। इससे छात्रों का कोई भला नहीं होने वाला।सुनील वाष्र्णेय, प्रदेश संगठन मंत्री एबीवीपीछात्रसंघ चुनाव में पैसे का जो अपव्यय हो रहा है, वो सरासर गलत है। चुनाव कमेटी इसकी जांच कराए। गगन जादौन, स्टूडेंट लीडरयूनिवर्सिटी के दलालों को टिकट देकर प्रत्याशी बना दिया गया है। ऐसे प्रत्याशी कैसे चुनाव जीतेंगे। छात्रों का हित तो बाद में, पहले अपना हित करेंगे।डॉ। राजेंद्र शर्मा, मुख्य चुनाव अधिकारीमामला संज्ञान में आया है। सबूतों के आने पर कार्रवाई की जाएगी। ये बिल्कुल गलत है। Posted By: Inextlive