दक्षिण अफ़्रीका का रिज़ार्ट होटल जहां गुप्ता परिवार की ओर से शादी का समारोह किया गया था. एक प्रभावशाली भारतीय मूल के कारोबारी की बेटी की शादी में वायु सेना के बेस पर बारातियों के जेट को उतारा जाना दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति के लिए गले की फांस बन गया है.


जिन दो वायु सेना अफ़सरों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया था, उन्होंने अब राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा को सिविल कोर्ट में घसीटने की बात कही है.दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा पर भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता परिवार के असर में काम करने के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि ज़ूमा इससे इनकार करते रहे हैं.पढ़ें पूरी रिपोर्टइस पूरे कांड में राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा का नाम आया और कहा गया कि 'नंबर वन' ने व्यक्तिगत रूप से अपने मित्रों के लिए यह व्यवस्था की थी.माना जाता है कि 'नंबर वन' का नाम जैकब ज़ूमा के संदर्भ में लिया गया था. हालांकि उन्होंने संसद में इन आरोपों से इनकार किया.एक संसदीय समिति की जांच में राष्ट्रपति ज़ूमा को क्लीन चिट मिल गई लेकिन राष्ट्रपति के चीफ़ ऑफ़ प्रोटोकॉल और दो वायु सेना अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए.
इस पहेली में नया मोड़ तब आया जब वायु सेना के दोनों अधिकारियों के ख़िलाफ़ आरोप वापस ले लिए गए. वहीं चीफ़ ऑफ़ प्रोटोकॉल को नीदरलैंड्स में दक्षिण अफ़्रीका का राजदूत नियुक्त कर दिया गया.चीफ़ ऑफ़ प्रोटोकॉल ने अपने पहले बयान में 'नंबर वन' का नाम लिया था, लेकिन बाद में वो अपने बयान से पलट गए थे.


गुप्ता परिवार और राष्ट्रपति

दक्षिण अफ़्रीका के करप्शन वॉच संस्था के डेविड लुईस कहते हैं, "यह दुखद है. इन लोगों को बलि का बकरा बनाया गया."लुईस का इशारा उन तीन अधिकारियों- तत्कालीन चीफ़ ऑफ़ प्रोटोकॉल ब्रूस कोलोनी, लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टीन एंडर्सन और उनकी सहकर्मी लेफ्टिनेंट कर्नल स्टीफ़ेन वान ज़ाईल- के बारे में था, जिन पर आरोप लगाए गए थे.वो कहते हैं, "इनमें से ब्रूस कोलोनी ने यह घाव हॉलैंड में राजदूत बनने के बदले खाया था. और मैं शर्त लगा सकता हूं कि एनकांडला कांड में शामिल अधिकारियों के साथ भी यही होना है."एनकांडला में राष्ट्रपति ज़ुमा के ग्रामीण घर को सरकारी ख़र्च पर आलिशान तरीक़े से सजाया-संवारा गया था.आर्थिक हितों का चक्करराष्ट्रपति जैकब ज़ूमा के गांव के घर की साज-सज्जा पर भी विवाद हुआ.राजनीतिक विश्लेषक सीबिसी एंडलेत्याना के अनुसार, "राष्ट्रपति ज़ूमा कुछ विशेष आर्थिक हितों के चक्कर में फंस कर कुछ व्यक्तियों का हित साध रहे हैं."सीबिसी के मुताबिक़, "यहां सत्ता गुप्ता घराने के हाथ में है. यहां एक ऐसा राष्ट्रपति है जो एक ख़ास गुट के लिए कृतज्ञ है."
इस समय वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम का देवास में सम्मलेन हो रहा है. यहां मौजूद राष्ट्रपति ज़ूमा के प्रवक्ता मैक महाराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"इसमें कुछ नया नहीं है."हालांकि वायु सेना के अधिकारियों की योजना पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की.

Posted By: Satyendra Kumar Singh