- एक ओर मूल्यांकन तो दूसरी ओर आस्था पर चुनाव भारी

- स्कूल्स में होम एग्जाम पर भी संकट के बादल

BAREILLY: इलेक्शन ड्यूटी डिस्ट्रिक्ट के यूपी बोर्ड स्कूल के टीचर्स के लिए गले की फांस बन गई है। दरअसल मामला यह है कि टीचर्स एग्जाम के बाद कॉपियों के मूल्यांकन में लग जाएंगे। उसी दरमियान उन्हें मतदान कराने की जिम्मेदारी भी निभानी पड़ेगी। इसके लिए गुरुजी को काफी लंबा सफर तय करना पड़ेगा। यही रेस गुरु जी के लिए परेशानियों का सबब बन गई है। वहीं चुनाव में ही ईसाइयों का ईस्टर का पवित्र पर्व पड़ रहा है।

एग्जाम छोड़ ट्रेनिंग में पहुंचे

एक तरफ बोर्ड एग्जाम कंडक्ट कराने के बीच जहां इलेक्शन की ट्रेनिंग सिरदर्द बन गई है। वहीं डीआईओएस द्वारा क्क् अप्रैल से कॉपियों के मूल्यांकन की घोषणा से टीचर्स अंदर ही अंदर सूख रहे हैं। इससे पहले डीआईओएस के फरमान पर मंडे को माध्यमिक स्कूल्स से सैकड़ों टीचर्स ने एग्जाम बीच में छोड़कर इलेक्शन ड्यूटी की ट्रेनिंग में भाग लिया।

होगी भागम-भाग

टीचर्स की ईवीएम मशीन कंट्रोलिंग की तीन दिनी ट्रेनिंग ख्ब् मार्च से शुरू हो गई। इसके बाद चुनाव कंडक्ट कराने को लेकर भी उनकी दो दिन की ट्रेनिंग होनी है। वहीं चार अप्रैल को खत्म हो रहे बोर्ड एग्जाम के बाद टीचर्स को कॉपियों के मूल्यांकन में लगा दिया जाएगा। फिर मूल्यांकन को बीच में ही छोड़कर टीचर्स को क्म् अप्रैल को इलेक्शन ड्यूटी के लिए पोलिंग बूथ रवाना होना होगा। इलेक्शन ड्यूटी के लिए कई टीचर्स को दूसरे जिलों में भी भेजा जाता है। ऐसे में मूल्यांकन केंद्र से इलेक्शन ड्यूटी के लिए लंबी दूरी तय करना और फिर दोबारा मूल्यांकन केंद्र पर ड्यूटी ज्वॉइन करना टीचर्स के लिए टेढ़ी खीर बन गई है।

प्रभु भोज के दिन इलेक्शन

यूपी बोर्ड स्कूल्स के कई टीचर्स और स्टाफ के लोग इसाई धर्म से ताल्लुक रखते हैं। इस समुदाय के लोगों का प्रभु यीशु मसीह की याद में सात दिनों का शोक सप्ताह चलता है। इस बार ये पवित्र संस्कार क्फ् अप्रैल से ख्0 अप्रैल तक होगा। ऐसे में इस समुदाय के लोगों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में इलेक्शन की ड्यूटी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि शोक सप्ताह का बेहद अहम संस्कार, यीशु का अंतिम भोज क्7 अप्रैल को है। इस दिन सभी क्रिस्चंस को चर्च जाना जरूरी होता है। इसी दिन उनके बच्चों को चर्च की सदस्यता भी दिलाई जाती है। समुदाय के लोगों ने इस मामले में चुनाव आयोग को लेटर लिखा है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

इफेक्टेड होगा होम एग्जाम

स्कूल्स बोर्ड एग्जाम के तुरंत बाद होम एग्जाम करवाते हैं। इसमें क्लास छठीं से लेकर क्क्वीं तक के हजारों स्टूडेंट्स बैठते हैं। स्कूल्स के प्रिंसिपल बताते हैं कि इस बार इलेक्शन के चलते ख्0 अप्रैल के बाद ही होम एग्जाम शुरू हो पाएंगे। वहीं शासनादेश के अनुसार होम एग्जाम का रिजल्ट ख्0 मई तक अनांउस हो जाना चाहिए। इस बार स्कूल्स से स्टाफ की ड्यूटी इलेक्शन में लगा दिए जाने की वजह से होम एग्जाम पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

इलेक्शन ड्यूटी के लिए टीचर्स को इधर-उधर भटकना पड़ता है। ऐसे में चुनावी प्रक्रिया के साथ ही मूल्यांकन भी प्रभावित होगा।

- बीना जौहरी प्रिंसिपल आरएन टैगोर इंटर कालेज बरेली

ईस्टर इसाईयों का पवित्र पर्व है। क्7 अप्रैल को इलेक्शन की डेट घोषित करना और इसमें समुदाय के लोगों की ड्यूटी आस्था के साथ खिलवाड़ है। इस डेट पर हम किसी भी सूरत में इलेक्शन की ड्यूटी नहीं बजा सकते।

-आईएन लॉयल, कर्मचारी बिशप मंडल इंटर कॉलेज बरेली

Posted By: Inextlive