- स्टेडियम में चलने वाले कैंप में टीनएजर्स की लंबी कतार

- जिम्नास्टिक में होगा इंडिया का दबदबा

- बॉडी फिटनेस या टाइमपास नहीं मेडल के लिए कर रहे टीनएजर्स जी-तोड़ प्रैक्टिस

GORAKHPUR : जिम्नास्टिक में अब इंडिया का दबदबा होगा। इसके लिए सिटी में भी फौज तैयार होना शुरू हो गई है। सिटी के टीनएजर्स की छोटी-छोटी आंखों में भी बड़े-बड़े सपने पल रहे हैं। वे अब सिर्फ अपनी बॉडी को फिट रखने या समर कैंप में ट्रेनिंग लेने के लिए नहीं बल्कि देश को मेडल दिलाने के लिए प्रैक्टिस कर रहे हैं। इसका अंदाजा रीजनल स्टेडियम में चलने वाले जिम्नास्टिक कैंप से लगाया जा सकता है। जहां कुछ साल पहले तक कैंप की सीट्स भरना मुश्किल होता था, वहां अब टीनएजर्स की लंबी कतार लग रही है।

सीट फ्0, स्टूडेंट 70

सिटी के रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में लगभग एक दर्जन गेम की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें से एक जिम्नास्टिक है। स्टेडियम में बने जिम्नास्टिक हॉल में चलने वाले कैंप में टीनएजर्स के लिए फ्0 सीट्स निर्धारित हैं। पिछले कई सालों की तरह इस बार भी स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट की ओर से कैंप मिला है। कैंप में सीमा विश्वकर्मा ट्रेनिंग देंगी। इस बार कैंप में टीनएजर्स की लंबी लाइन लगी है। अब तक 70 से अधिक टीनएजर्स कैंप में ट्रेनिंग के लिए एडमिशन ले चुके हैं। जबकि कुछ साल पहले तक निर्धारित सीट भी फुल नहीं होती थी।

ग‌र्ल्स भी नहीं हैं पीछे

ग‌र्ल्स अब किसी भी मामले में ब्वॉयज से पीछे नहीं है। स्टेडियम में चलने वाले कैंप में ब्वॉयज की अपेक्षा ग‌र्ल्स की संख्या कम नहीं है। जिस एज में बच्चे घर से नहीं निकलते है, वहां स्टेडियम में ट्रेनिंग चल रही है। पैरेंट्स के हाथ पकड़ कर स्टेडियम तक आने वाले बच्चे जब हाल के अंदर पहुंचते है तो वहां का नजारा देखने लायक होता है। छोटे-छोटे बच्चे अद्भुत कलाबाजियां दिखा कर सबको हैरान कर देते हैं।

ओलंपिक में इंडिया को मेडल नहीं मिलते, मगर अब वह दिन दूर नहीं जब मेडल मिलेगा। क्योंकि जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग छोटी एज से दी जाती है। जिस तरह टीनएजर के साथ पैरेंट्स में जिम्नास्टिक के प्रति क्रेज बढ़ रहा है, यह तय है कि इसका फ्यूचर अच्छा है।

डीके राठौर, द्रोणाचार्य अवार्डी

जिम्नास्टिक का क्रेज पिछले कुछ साल में काफी बढ़ा है। अब हर साल जिम्नास्टिक में एडमिशन के लिए बच्चों की संख्या बढ़ रही है। जबकि पहले स्टूडेंट्स काफी कम आते थे। अभी समर वेकेशन चल रहा है, इसके बावजूद स्टूडेंट अधिक है। छुट्टी खत्म होने के बाद यह संख्या और बढ़ेगी।

मो। अकरम, सेक्रेटरी डिस्ट्रिक्ट जिम्नास्टिक एसोसिएशन

जिम्नास्टिक में टैलेंट बहुत है, बस सही ट्रेनिंग और सुविधा की जरूरत होती है। स्टेडियम के जिम्नास्टिक हॉल में अधिकांश सुविधाएं मौजूद है। बच्चों की संख्या भी इस साल काफी अधिक है।

अश्विनी कुमार सिंह, रीजनल स्पो‌र्ट्स अफसर

Posted By: Inextlive