Gorakhpur : हाईटेक होने के साथ उससे होनी वाली प्रॉब्लम भी गोरखपुराइट्स को फेस करनी पड़ रही है. आज का यूथ फेसबुक और ऑन लाइन चैट में बिजी है. कम्पलीट डिटेल न होने के चलते सिटी के यूथ प्रोफेशनल हैकर के जाल में फंस रहे हैं. ब्वायज के साथ-साथ कई गर्ल्स की फेसबुक आईडी हैक कर उनका गलत यूज किया जा रहा है. इसकी शिकायत भी पुलिस से की गई लेकिन साइबर सेल न होने के चलते उन केसज की इनवेस्टिगेशन संभव नहीं है. कहने को मामले की जांच एसटीएफ को रेफर कर दिया जा रहा है.

दूसरे सिटीज का है सहारा
सैटर्डे को एसएसपी शलभ माथुर के ऑफिस में सिटी में रहने वाली एक युवती पहुंची। उसकी शिकायत थी कि उसकी फेसबुक आईडी को हैक कर लिया गया है और आईडी का गलत यूज किया जा रहा है। मामले की इनवेस्टिगेशन के लिए एसएसपी ने एसटीएफ को लगा दिया लेकिन साइबर एक्सपर्ट न होने के चलते एसटीएफ ने बरेली के एसपी त्रिवेणी सिंह से इस मामले में मदद ली। गोरखपुर के साइबर क्राइम केस की इनवेस्टिगेशन बरेली के एसपी भी करेंगे। इससे पहले भी एक महिला व्यवसायी का भी जीमेल आईडी हैक कर लिया गया था। इसकी शिकायत उन्होंने कमिश्नर से की थी। उस मामले में निल पर केस दर्ज कर लखनऊ स्थित साइबर सेल में रेफर कर दिया गया था।
एक्सपर्ट छोड़ो सेल तक नहीं
जिस तरह से क्राइम का रूप बदल रहा उस तरह अभी भी पुलिसिंग काफी पीछे है। साइबर क्राइम के टाइम पर आज भी मैनुअॅल पुलिसिंग की जा रही है। सिटी में साइबर क्राइम के कई बड़े मामले प्रकाश में आ चुके हैं। उसके बावजूद भी न तो सिटी में साइबर एक्सपर्ट हैं और न ही साइबर सेल। साइबर क्राइम की इनवेस्टिगेशन भी क्राइम ब्रांच और एसटीएफ से कराई जा रही है। साइबर क्राइम को भी पुलिस मैनुअॅल क्राइम की धारा में केस दर्ज कर लेते हंै। जबकि नियम है कि निल पर केस दर्ज करने के बाद उसे साइबर क्राइम सेल में भेज देना चाहिए। सिटी में आज तक चुनिंदा केस ही साइबर सेल में ट्रांसफर हुए हैं।
फेसबुक, जीमेल आईडी के हैक होने की शिकायत आ रही है। ऐसे मामले की इनवेस्टिगेशन एसटीएफ से कराई जा रही है। जरूरत पड़ने पर साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ली जाती है।
शलभ माथुर, एसएसपी

 

report by : mayank.srivastava@inext.co.in

Posted By: Inextlive