सीएम के शहर में अाधे लोग प्यासे, तरस रहे हैं साफ पानी को
- नगर निगम एरिया में अभी तक केवल 71400 घरों तक पहुंची पेयजल व्यवस्था
- नगर निगम में हैं 1,32013 मकान, जहां कनेक्शन वहां भी नहीं पहुंच रहा पानीGorakhpur@inext.co.inGORAKHPUR: शहर की सबसे बड़ी पेरशानियों में शुमार पेयजल व्यवस्था का हाल शासन की तमाम कवायदों के बाद भी नहीं सुधर सका है। नगर निगम के जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सिटी की आधी आबादी अभी भी स्वच्छ पानी को तरस रही है। निगम एरिया में कुल 1,32013 मकान हैं जिनमें से केवल 71,400 घरों तक पानी पहुंचाने में ही जलकल सफल हो पाया है। जबकि जलकल पानी सप्लाई की पाइप लाइन के 100 मीटर दायरे में आ रहे सभी घरों से वॉटर टैक्स लेता है। हद तो ये कि सैकड़ों ऐसे घर भी हैं जहां कनेक्शन तो पहुंच गया है लेकिन पेयजल के लिए आज भी लोग तरस रहे हैं।
मात्र 15 हजार को सीवर की सुविधा
पीने के पानी के अलावा सीवर की सुविधा से भी शहर की बड़ी आबादी वंचित है। नगर निगम अभी तक केवल 10 प्रतिशत आबादी को ही सीवर की सुविधा दे पाया है। निगम एरिया में 1.32 लाख मकान हैं जिनमें से अभी तक केवल 15397 घरों तक ही सीवर लाइन की सुविधा पहुंच सकी है। यह अंाकड़ें दिसंबर 2018 के हैं जो बताते हैं कि निगम चाहे जो दावे करे, आंकडे़ उसके दावों की पोल खोल दे रहे हैं। सीवर के अभाव में गोरखपुराइट्स को काफी समस्या होती है।
नगर निगम की नाकामियों का फायदा पानी के कारोबारियों ने जमकर उठाया है। शहर में पानी सप्लाई का व्यवसाय तेजी से बढ़ा है। लच्छीपुर, मेडिकल कॉलेज और गीडा के आसपास करीब 250 से ज्यादा आरओ वॉटर प्लांट स्टेब्लिश हो चुके हैं। इनसे पानी सप्लाई लेने वाले छोटे कारोबारियों की तादाद भी करीब डेढ़ हजार के आसपास पहुंच गई है, जहां हर प्लांट से करीब 400-500 गैलन वॉटर की सप्लाई की जा रही है।बढ़ता गया पानी सप्लाई का बिजनेस साल - प्लांट डेली डिमांड (गैलन)2009 - 1 से 2 50 से 602010 - 5 से 10 100 से 1502011 - 20 से 25 250 से 3002012 - 40 से 50 2 से 3 हजार2013 - 70 से 80 8 से 10 हजार
2014 - 100-105 12 से 15 हजार
2015 - 125-140 15 हजार से अधिक2017 - 180 से ज्यादा 25 हजार से अधिक2018 - 240 से ज्यादा 30 हजार से अधिकनगर निगम पानी की समस्या को लेकर गंभीर है। शासन से 50 करोड़ का बजट मिल गया है। 173 किमी तक पाइपलाइन बिछाई जानी है। जल्द निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सीवर लाइन बिछाने का भी काम चल रहा है।- सीताराम जायसवाल, मेयर