- हैलट इमरजेंसी में शुरुआती 24 घंटे में हर पेशेंट को मिलेगा फ्री इलाज, पेशेंट को स्टेबल करने के लिए ट्रांजिट इमरजेंसी का अलग सेक्शन बनेगा

- इमरजेंसी में ही मिलेगी एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, वेंटीलेटर, डिफ्रिबिलेटर और इनफ्यूजन पंप की सुविधा, सभी की खरीद प्रक्रिया पूरी

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KANPUR:

सिटी की सबसे बड़ी इमरजेंसी का चेहरा जल्द ही बदल जाएगा. यह पहले से ज्यादा आर्गनाइज्ड और बेहतर सुविधाएं देने वाली होगी. जिसमें पेशेंट्स और उनके तीमारदारों को न तो ज्यादा भागदौड़ करने की जरूरत पड़ेगी और न शुरुआती 24 घंटे दवा खरीदने की जरूरत पड़ेगी. इमरजेंसी में पेशेंट को स्टेबलाइज करने के लिए वेंटीलेटर की सुविधा भी मिलेगी. इसके अलावा एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जैसी जांचों के लिए भी इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा. एम्स और केजीएमयू की इमरजेंसी सेवाओं की तरह ही शुरुआती ट्रीटमेंट की पूरी जिम्मेदारी सीनियर रेजीडेंट्स की होगी. एलएलआर हास्पिटल के अधिकारियों के मुताबिक इमरजेंसी के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इमरजेंसी में पेशेंट को हास्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन न हो, इसका भी इंतजाम किया जाएगा और चिकित्सा उपकरणों को स्टेरलाइज करने के लिए एक आटोक्लेव मशीन भ्ाी लगेगी.

एसआर के पास ट्रीटमेंट की कमान

एलएलआर इमरजेंसी को अपग्रेड करने के साथ ही ट्रीटमेंट के प्रोसीजर को लेकर भी बदलाव किए जाएंगे. इमरजेंसी में पेशेंट की इंट्री होते ही ही बाहर के हॉल में मेडिसिन, आर्थो और सर्जरी विभाग के सीनियर रेजीडेंट्स की टीम सबसे पहले उन्हें देखेंगी. यहीं पर 10 बेडों की लगाए जाएंगे जहां इमरजेंसी पेशेंट को स्टेबल किया जाएगा. इसमें एसआर के सपोर्ट में जेआर, नॉन पीजी जेआर और इंटर्न की टीम रहेगी. इनकी डयूटी 8-8 घंटे की शिफ्ट के हिसाब से लगेगी. वर्कस्टेशन पर सभी एसआर व जेआर काम कर रहे हैं, इसकी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगेगा. सीनियर रेजीडेंट्स के लिए चल रहे इंटरव्यू में भी इन शर्तरे को पहले ही डॉक्टर्स को बता दिया गया है.

माइनर ओटी के साथ आटोक्लेव मशीन भी

एसआईसी प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि इमरजेंसी अपग्रेडेशन के साथ पेशेंट्स में इंफेक्शन न हो. इसके लिए स्टेरलाइजेशन प्रोसेस को और बेहतर किया जा रहा है. इमरजेंसी आने वाले पेशेंट्स के लिए एक माइनर ओटी बनाया गया है. जिसमें तीन ओटी टेबल हैं. यहां पेशेंट्स के साथ तीमारदारों को जाने की इजाजत नहीं होगी. यहीं पर पेशेंट को फोलिस लगाने से लेकर ब्लीडिंग रोकने के लिए जरूरी छोटी-मोटी सर्जरी कर दी जाएंगी. सर्जरी में इंफेक्शन का खतरा न हो इसके लिए एक आटोक्लेव मशीन को रखवाया जा रहा है. इसके साथ इंस्ट्रूमेंट्स के 10 सेट भी रखे जाएंगे. जो कि एक के बाद एक यूज होंगे. इससे पेशेंट में इंफेक्शन का खतरा कम हो हो जाएगा. पेशेंट के स्टेबल होने के बाद उसे इमरजेंसी में ही बने सर्जरी,आर्थो और मेडिसिन के वार्डो में शिफ्ट किया जाएगा. जहां 24 घंटे ऑब्जर्वेशन के बाद पेशेंट को नार्मल वार्ड में भेज दिया जाएगा.

ये फैसेलिटीज भी मिलेगी-

- डिफ्रिबिलेटर, इंफ्यूजन पंप, पोर्टेबल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पोर्टेबल वेंटीलेटर

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वर्जन-

अभी इमरजेंसी में पेशेंट्स की काफी शिकायतें रहती हैं. इन्हीं को मद्देनजर रखते हुए इसे अपग्रेड किया जा रहा है. जिसमें इमरजेंसी आने के बाद शुरुआती 24 घंटे पेशेंट को दवाएं खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. काफी उपकरण आ चुके हैं. पूरे फ्रेमवर्क पर तेजी से काम चल रहा है.

- प्रो. आरके मौर्या, एसआईसी, एलएलआर एंड एसोसिएटेड हास्पिटल्स

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इमरजेंसी एक नजर में

- 120-150 पेशेंट हर रोज होते हैं भर्ती

- सर्जरी, आर्थो और मेडिसिन के जेआर की 24 घंटे डयूटी

- 32 बेड की क्षमता इमरजेंसी के तीनों वार्डो की

- 10 जिलों से आते हैं पेशेंट्स हर रोज

- बुंदेलखंड और मध्य यूपी के सबसे बड़े रेफरल सेंटर में शुमार

Posted By: Manoj Khare