हैप्पी बर्थ डे दादा : गांगुली की वजह से लक्ष्मण पूरी जिंदगी नहीं खेल पाए वर्ल्डकप
कानपुर। 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में जन्में सौरव गांगुली भारत के बाएं हाथ के बेहतरीन ओपनर बल्लेबाज रहे हैं। एक समय था जब गांगुली और सचिन की जोड़ी खूब हिट थी। वहीं टेस्ट में गांगुली, सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण को फैब फोर कहा जाता था। दादा ने चुनिंदा खिलाड़ियों की एक टीम बनाई जिसने विश्व क्रिकेट में कई कीर्तिमान स्थापित किए। कुछ दिनों पहले गांगुली ने लक्ष्मण को लेकर कुछ खुलासे किए थे।दादा ने पीटीआई से बातचीत में कहा था, साल 2001 में लक्ष्मण अगर 281 रन की पारी नहीं खेलते तो उनका करियर खत्म हो जाता। लक्ष्मण की वजह से गांगुली जीते थे मैच
21वीं सेंचुरी की शुरुआत में गांगुली ने जब टीम इंडिया की कमान संभाली थी तो स्थितियां ज्यादा अनुकूल नहीं थी। 2001 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट सीरीज रखी गई। गांगुली की कप्तानी में भारत मुंबई में खेला गया पहला मैच हार गया। दूसरा मैच कोलकाता में खेला गया। एक वक्त लग रहा था कि भारत दूसरा टेस्ट भी हार जाएगा। फिर पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण और द्रविड़ के बीच की गई 376 रन की साझेदारी ने भारत को 171 रन से जीत दिला दी। तब लक्ष्मण ने 281 रन की पारी खेली थी। इसी के साथ गांगुली ने स्टीव वाॅ की अगुआई में कंगारुओं को मात देकर नई शुरुआत कर दी थी।
सौरव गांगुली अपने साथी खिलाड़ी लक्ष्मण को भले ही उनका करियर बचाने का शुक्रिया अदा करते हों मगर एक वक्त ऐसा आया था जब गांगुली ने लक्ष्मण को ही वनडे टीम में जगह नहीं दी थी। दरअसल लक्ष्मण जितने बेहतरीन टेस्ट प्लेयर थे। वहीं वनडे में उनके आंकड़े औसत दर्जे के थे। यही वजह रही कि 2003 वर्ल्ड कप में गांगुली की टीम में लक्ष्मण को जगह नहीं मिली थी। इस बात पर गांगुली कहते हैं, 'शायद यह एक बड़ी गलती रही। लक्ष्मण ऐसे खिलाड़ी हैं जो हर फाॅर्मेट में बेहतरीन थे। बतौर कप्तान हमें कुछ कड़े निर्णय लेने होते हैं। फिर वो गलत हो या सही।'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस खिलाड़ी ने 'वेरी वेरी स्पेशल' इनिंग खेलकर जितवाया था हारा हुआ मैचसचिन-गांगुली ने अकेले खेल डाला था पूरा मैच, बनाए थे इतने रन