Happy birthday to Mahi
दिसंबर 2004, बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में धोनी का डेब्यू। एक अनजान क्रिकेटर जब शून्य पर आउट हुआ तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक दिन यह लडक़ा इंडिया को दुनिया का सिरमौर बना देगा। यह तो उनकी सफलता की महज एक मिसाल है, धोनी ने इंडिया को टेस्ट क्रिकेट की बादशाहत दिलाई, जबकि टी-20 में उन्होंने दूसरी टीमों को खेलने का शऊर सिखाया। इंडियन क्रिकेट के इतिहास में सबसे सुनहरे पन्ने लिखने वाले इस कैप्टन ने साबित कर दिया कि वह सिर्फ मुकद्दर के सिकंदर नहीं, बल्कि बाजीगर और सबसे बड़े खिलाड़ी भी हैं।
कभी फुटबॉलर बनने का सपना देखने वाले धोनी कोइंसिडेंस से क्रिकेट खेलने लगे और अगर कहा जाए कि सचिन के बाद वह इंडियन क्रिकेट को मिला सबसे बड़ा वरदान हैं, तो गलत नहीं होगा। इंडिया ने 2007 में धोनी की कैप्टेंसी में टी-20 वर्ल्ड कप जीता, तो कई लोगों ने इसे तुक्का कहकर खारिज कर दिया। इसके बाद अगले चार साल में जो हुआ, उसने सभी की सोच बदलकर रख दी। इस दौरान उन्होंने सफलता की कई कहानियां लिखीं। समय बदलता गया, नहीं बदला तो कभी हार नहीं मानने का जज्बा, जो धोनी को अलग जमात में खड़ा करता है।
Dhoni as a captain2007 में साउथ अफ्रीका में पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता।दिसंबर 2009 में टेस्ट रैंकिंग में टीम को टॉप पर पहुंचाया। दो अप्रैल 2011 को टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया।As a cricketer2005-06 में वनडे रैंकिंग में टॉप पर पहुंचे2009 में लंबे समय तक वनडे रैकिंग में टॉप पर रहेजुलाई 2010 में 210 करोड़ रुपए का करार किया।टाइम मैग्जीन ने सबसे इंप्रेसिव 100 लोगों में शामिल किया।