ख़बरों के मुताबिक़ चरमपंथी संगठन हक़्क़ानी नेटवर्क के एक सीनियर नेता की पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास 'गोली मारकर हत्या' कर दी गई है.


नसीरुद्दीन हक्क़ानी नेटवर्क के लिए पैसा इकट्ठा करने वालों प्रमुख लोगों में से एक थे. हक़्क़ानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन उनके पिता थे.नसीरुद्दीन हक़्क़ानी की उम्र तीस के आसपास थी. वे संगठन के लिए धन जुटाने के सिलसिले में खाड़ी के मुल्कों में भी जाते थे.ख़बरों के मुताबिक़ उनके शव को दफ़नाने के लिए अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के पास स्थित उत्तरी वज़ीरिस्तान ले जाया गया है.अभी तक ये साफ़ नहीं हो पाया है कि नसीरुद्दान हक़्क़ानी का क़त्ल किसने किया. नसीरूद्दीन हक़्क़ानी का नाम अमरीका के चरमपंथियों की सूची में शामिल था.नसीरुद्दीन हक़्क़ानी के भाई बदरुद्दीन की पिछले अगस्त में एक अमरीकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी. वे संगठन के ऑपरेशनल कमांडर थे.अब संगठन का नेतृत्व सिराजुद्दीन हक्क़ानी करते हैं, जो नसीरुद्दीन के बड़े भाई हैं.मुख्य संपर्क सूत्र


जब पिछले साल अमरीका के साथ शांतिवार्ता करने के लिए दोहा में तालिबान का कार्यालय शुरू करने की कोशिश हो रही थी, तो नसीरुद्दीन हक़्क़ानी ने ही हक़्क़ानी नेटवर्क का प्रतिनिधत्व किया था.पाकिस्तान में तालिबान समर्थक लोगों से संपर्क के लिए वे ही मुख्य संपर्क सूत्र थे.

अपने पिता और भाइयों से अलग, नसीरुद्दीन हक़्क़ानी और उनके दो रिश्तेदार मीरान शाह में नहीं रहते थे. उन्होंने अपना ठिकाना इस्लामाबाद के पास बनाया हुआ था, जहाँ वे से विदेश जाया करते थे.कुछ सूत्रों का कहना है कि खाड़ी में उनके कई बड़े व्यवसायिक केंद्र थे, जिनमें ट्रांसपोर्ट कंपनी शामिल है. माना जाता है कि उनकी सार्वजनिक तौर पर कोई फ़ोटो नहीं खींची गई है.जो लोग उनसे मिले हैं, वो बताते हैं कि वे लंबी क़द काठी वाले, पढ़े लिखे शख़्स थे, जो महंगी कारों में घूमते थे और उनके अच्छे-ख़ासे संपर्क थे.लोग यह भी कहते हैं कि उन्हें देखकर कभी नहीं लगता था कि उनका चरमपंथियों से कोई नाता होगा. उनका कोड नाम 'द डॉक्टर' बताया जाता है.अगर हत्या की ख़बर की पुष्टि हुई तो ये हक़्क़ानी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका होगा. पैसा जुटाने के लिए नेटवर्क को किसी और को ढूँढना होगा.

Posted By: Subhesh Sharma