गलती किसी की और झेल रही है पब्लिक
परिवहन निगम के संविदा एवं नियमित इम्प्लाईज के कार्यबहिष्कार ने पूरी तरह से तो नहीं लेकिन 80 परसेंट बसों का संचालन ट्यूजडे को ठप कर दिया। जिसने एक बार फिर पैसेंजर्स को काफी परेशानी में डाल दिया है। लड़ाई इम्प्लाइज और डिपार्टमेंट के बीच पर प्रॉब्लम पब्लिक ने झेली। संविदा कर्मचारियों के काम पर न आने से रोडवेज डिपो व झकरकटी बस स्टेशन पर अधिकांश बसें खड़ी ही रहीं। बसों के न मिलने से सैकड़ों पैसेंजर्स झकरकटी स्टेशन पर ही फंसे रह गए। हालांकि इसके बाद भी रोडवेज प्रशासन अपनी तैयारियों पर खुद पीठ थपथपाता हुआ दिखाई दिया। जबकि असलियत में उनकी तैयारियों की पोल तब खुल गई जब इम्प्लाइज ने तोडफ़ोडक़र कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश। ये स्ट्राइक अनिश्चितकालीन है इस लिए आप थोड़ा अलर्ट रहें और हो सके तो प्राइवेट व्हीकल्स या दूसरे साधन का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा।
बसों पर पथराव
स्ट्राइक के बावजूद सडक़ पर निकली बसों पर अराजक तत्वों ने पथराव कर शीशे तोड़ दिए। बलरामपुर डिपो की बस यूपी 47 टी 0709 ट्यूजडे सुबह पैसेंजर्स को लेकर झकरकटी स्टेशन आ रही थी, जिसपर मॉर्निंग में कुछ अराजक तत्वों ने पथराव कर दिया। जिससे उसके शीशे टूट गए। इसी तरह झांसी डिपो से आ रही यूपी 93 टी 2151 पर भी पथराव किया गया। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। झकरकटी बस स्टेशन पहुंची दोनों बसों के बाद आरएम एसके बनर्जी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। उधर सैंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ के महामंत्री का कहना है कि एंटी पार्टी ने आंदोलन को बदनाम करने के लिए तोड़-फोड़ की है.
ये तरीका ठीक नहींबसों की स्ट्राइक से परेशान लखनऊ जा रही अजीत सिंह ने कहा कि अपनी डिमांड को पूरा करने का ये तरीका ठीक नहीं है इसमें हर तरह से सिर्फ पब्लिक ही है पिसती है। बरौनी जा रहे विजय थापा ने कहा कि सुबह से बैठे हैं, लेकिन कोई भी बस का इंतजाम नहीं है। उन्होंने रोडवेज के वैकल्पिक इंतजाम को नाकाफी बताकर गवर्नमेंट के खिलाफ भी अपना गुस्सा निकाला. मनमानी करने से बाज नहीं आएसिटी में रोडवेज की स्ट्राइक हर तरह से पब्लिक के लिए प्रॉब्लम लाती है। ट्रेनों में हाउसफुल होने के बाद सिटी से चलने वाले प्राइवेट ट्रांसपोर्टेशन वाले भी स्ट्राइक का जमकर फायदा उठा रहे हैं। बसों की स्ट्राइक की वजह से प्राइवेट टैक्सी, वैन और बसों में प्रति किलोमीटर 20 परसेंट तक किराया बढ़ा दिया गया है। जो कि पैसेंजर्स को मजबूरी में देना पड़ रहा है.
जरा ध्यान दीजिएअगर आपको सिटी से बाहर जाना है तो ट्रेन को प्रिपर करें। इसके लिए आप सेंट्रल जा सकते हैं या फिर इन नंबर्स पर बात कर सकते हैं।टोल फ्री नंबर- 1800-111-321प्रीपेड नंबर - 1800-111-139एट ए ग्लांसडेली बस - 1100यूपी मे बस - 7200यूपी में संविदा कर्मी - 31000सिटी में संविदा कर्मी - 2500सिटी से चलने वाले पैसेंजर्स- 60 हजार लगभगमुझे बिंदकी जाना है। एक घंटे से खड़े हैं कोई बस नहीं है। इंफॉर्मेशन काउंटर पर भी कोई सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. विकास त्रिवेदी, स्टूडेंटमै ढ़ाई घंटे से बस का इंतजार कर रही हूं। कोई बस नहीं है। वैसे ही रोडवेज की व्यवस्था पहले से खराब है। गवर्नमेंट को ध्यान देना होगा. आरती, गृहणीमेरी पीसीएस की परीक्षा है। गोरखपुर हर हाल में पहुंचना है। लेकिन अभी तक कोई बस नहीं है। कल तक नहीं पहुंचे तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी। राजेश कुमार, स्टूडेंटपूरे प्रदेश में 80 परसेंट बसों को संचालन ठप है। कुछ अक्षम चालकों ने बसों को निकाला है। जब तक गवर्नमेंट बात नहीं करती ये कार्यबहिष्कार जारी रहेगा.अम्बादत्त त्रिपाठी, सेंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ, महामंत्री