क्कन्ञ्जहृन्: शनिवार को खचाखच भरे एसकेएम हॉल में हार्दिक ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि चाचा ने इस बार मुझे मिलने के लिए भी नहीं बुलाया। उनकी मजबूरी समझता हूं। यदि वे मुझसे मिलते तो उन्हें दिल्ली से डांट पड़ती। हार्दिक ने बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक को एक राजनीतिक मंत्र दिया। कहा कि बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जाति के बीस प्रतिशत वोट हैं। यदि ये तीनों जातियां एकजुट हो जाएं तो बिहार की सत्ता में इनकी भागीदारी सुनिश्चित है। उन्होंने वर्ष 1993 में गांधी मैदान में हुई कुर्मी चेतना रैली की भी चर्चा की।

तानाशाही ताकतों से मिलकर लड़ेंगे

हार्दिक पटेल शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनके सरकारी आवास में बंद कमरे में करीब सवा घंटे की मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेता मीडिया के सामने आए और कहा कि दोनों भाई तानाशाही ताकतों से मिलकर लड़ेंगे। दोनों नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें तेजस्वी ने ट्विटर पर पोस्ट की है। तेजस्वी ने कहा कि गुजरात और बिहार का संबंध दोस्ताना रहा है। यह राज्य गांधी की कर्मभूमि रही है। हार्दिक भी गांधी के रास्ते पर चलते हुए गुजरात से बिहार आए हैं। हम दोनों मिलकर देश से दक्षिणपंथी अधिनायकवाद को खत्म करने के लिए संघर्ष करेंगे। हमारा उद्देश्य समतामूलक समाज का निर्माण है। किसानों और युवाओं के हित के लिए हमारा संयुक्त संघर्ष होगा। विदित हो कि हार्दिक का उभार गुजरात में पटेलों के आरक्षण आंदोलन से हुआ है। उनका बिहार का यह दूसरा दौरा है। पिछली बार जब हार्दिक यहां आए थे उनकी मुलाकात सीएम नीतीश कुमार से भी हुई थी। लेकिन इस बार पटेल शुरू से ही नीतीश पर हमला कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive