जीपीएस सिस्टम के साथ ही ई- रिक्शा में लगा होगा सीसीटीवी कैमरा

150 ई-रिक्शा के साथ सिटी में होगी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की शुरुआत

ई-रिक्शा पर हरी-भरी लाखों रुपया करेगी खर्च

ALLAHABAD: स्मार्ट सिटी बनने जा रहे इलाहाबाद के लिए हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एडब्ल्यूपी और नगर निगम की तरह काम चलाऊ नहीं बल्कि हाईटेक सिस्टम के साथ डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करेगी। जिसके लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस ई-रिक्शा मंगाए जा रहे हैं। जो सिटी के 80 वार्डो में घूम-घूम कर कूड़ा कलेक्शन करेंगे। हाईटेक सिस्टम से लैस ई-रिक्शा 15 सितंबर से सिटी में दिखने लगेंगे।

हर मूवमेंट की जानकारी

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए प्रयोग होने वाला ई-रिक्शा जीपीएस सिस्टम से लैस होगा। जोन से निकलने के बाद ई-रिक्शा कहां जा रहा है। किस टाइम में कहां पर है। जीपीएस के थ्रू मॉनिटरिंग होती रहेगी। जीपीएस के साथ ही ई-रिक्शा में सेंसर भी लगा होगा। जिससे डोर टू डोर कलेक्शन होने वाले गार्बेज के वेट की निगरानी होती रहेगी। वार्डो से कितना कूड़ा कलेक्ट हो रहा है। कितना कूड़ा डम्पिंग स्टेशन तक पहुंच रहा है, इसका पूरा डाटा अपने आप कंट्रोल रूम तक पहुंचता रहेगा।

बन रहे छह ढलाव घर

हरी-भरी ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही सिटी से निकलने वाले वेस्ट को पहले डम्पिंग स्टेशन फिर डम्पिंग स्टेशन से बसवार प्लांट ले जाने के प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसके लिए सिटी में छह ढलाव घर बनाए जा रहे हैं। ढलाव घर बनने के बाद वार्डो से कूड़ा कलेक्शन करने वाले कर्मचारी कचरा यहां-वहां फेंकने के बजाय सीधे ढलाव घर ले जाएंगे। जहां कूड़ा एक बड़े से डीपी में पैक किया जाएगा। डीपी में पैक होने के बाद ढलाव घर से डीपी को बसवार प्लांट ले जाया जाएगा।

तो मिलेगा डिस्काउंट

हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड हाईटेक सिस्टम के साथ लोगों के घर से न सिर्फ कूड़ा कलेक्ट करेगी। बल्कि अवेयरर्ड लोगों को कूड़ा कलेक्शन के साथ ही डिस्काउंट भी देगी। जो लोग पर डे कूड़ा कलेक्शन के लिए जाने वाले कर्मचारी को घर से निकलने वाला सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करके दो पैकेट में देंगे। उन्हें हरी-भरी की ओर से पर मंथ आने वाले गार्बेज चार्ज में 20 परसेंट डिस्काउंट दिया जाएगा। इससे कूड़ा छांटने में समय बर्बाद नहीं होगा।

- हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड एक ऐसे सिस्टम के साथ इलाहाबाद के पब्लिक के बीच आ रही है, जो पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट हो। बेस्ट सर्विस के बाद ही यूजर चार्ज लिया जाएगा। ऐसा सिस्टम डेवलप किया जा रहा है, जिससे कोई भी कर्मचारी कामचोरी नहीं कर सकेगा और न ही मनमानी कर सकेगा। ई-रिक्शा से कूड़ा कलेक्शन में जहां आसानी होगी। वहीं पर्यावरण में भी मददगार साबित होंगे।

अंशुमान सिंह

पीआरओ

हरी-भरी

Posted By: Inextlive