-पहले छात्रा ने कर लिया था समझौता, फिर विवि प्रशासन की पहल पर दर्ज हुआ मुकदमा

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की शोध छात्रा के साथ विवि परिसर के भीतर हुई अभद्रता मामले में नई जानकारी सामने आई है. दरअसल, कर्नलगंज पुलिस ने शोध छात्रा द्वारा आरोपी बनाए गए जिस व्यक्ति को विवि का कर्मचारी बताया था. वह विवि का कर्मचारी है ही नहीं, बल्कि वह एक प्राइवेट कंपनी का इम्पलाई है. इसे कंपनी द्वारा ही विभाग में नियुक्त किया गया था.

11 मई को हुई थी घटना

गौरतलब है कि विवि में सीबीसीएस की शोध छात्रा ने एक व्यक्ति द्वारा कैम्पस के भीतर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था. यह घटना 11 मई की है. शोध छात्रा का कहना था कि संबंधित व्यक्ति ने उसे शाम के वक्त एफएमआरआई विभाग में ही दबोच लिया. उसने आरोपी से बहुत बचने की कोशिश की. लेकिन उसने न केवल उससे अभद्रता की बल्कि अश्लीलता की सारी हद को पार कर गया. वह बड़ी मुश्किल से खुद को छुड़ा पाने में सफल हो सकी. शोध छात्रा प्रयागराज के शहराराबाग की रहने वाली है.

लिखकर दे दिया था कोई कार्रवाई नहीं चाहिए

इस घटना की बाबत गुरुवार को चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएस दुबे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रकरण पुलिस के पास गया तो शोध छात्रा ने संबंधित व्यक्ति से समझौता कर लिया था. उसने लिखकर दे दिया था कि उसे कोई कार्रवाई नहीं चाहिए, लेकिन चूंकि आरोप गंभीर था. ऐसे में चीफ प्रॉक्टर ऑफिस ने ही पूरे मामले का संज्ञान लिया और शोध छात्रा से बात की. इसके बाद उन्होंने एक महिला डिप्टी चीफ प्रॉक्टर से प्रकरण को जांचने को कहा और इसके बाद उनकी ही पहल पर कर्नलगंज पुलिस को जांच के लिए मामला सौंप दिया गया.

वर्जन

आरोपी इविवि का कर्मचारी नहीं है. बल्कि उसे एक प्राइवेट कंपनी द्वारा विभाग में मशीनो की देखरेख के लिए तैनात किया गया था. बावजूद इसके विवि कैम्पस के भीतर की घटना होने के कारण विवि प्रशासन ने घटना की जांच के लिए पुलिस को मामला सुपुर्द कर दिया. अब वही इसकी जांच करेगी.

-प्रो. आरएस दुबे, चीफ प्रॉक्टर एयू

Posted By: Vijay Pandey