-नवरात्रि से दिवाली के बीच कानपुर में हुआ करोड़ों का लेनदेन, नयागंज, बिरहाना रोड हैं मेन अड्डे

-खुफिया टीम ने जुटाई जानकारी, दीपावली के बाद कई बड़े प्रतिष्ठानों पर गिर सकती है 'गाज'

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KANPUR : शहर में दीपावली के साथ ही 'हवाला का कारोबार' भी अपने चरम पर पहुंच गया। पिछले 15 दिनों में ज्वैलरी से लेकर किराना तक की बड़ी मंडियों से हवाला का 'गोरखधंधा' खूब चला है। कुछ कारोबारियों ने हवाला के जरिए करीब 85 करोड़ का लेनदेन किया। खुफिया की स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह नवरात्रि से लेकर दिवाली के बीच करोड़ों रुपये का लेनदेन हवाला के जरिए हो चुका है। इससे सरकारी खजाने में भी चपत लगी है। इस 'खेल' की भनक लगने से इनकम टैक्स, ईडी और पुलिस की टीम सक्रिय हो गई है। ये टीमें हवाला कारोबारियों को पकड़ने के लिए गोपनीय तरीके से जुट गई हैं। शहर के तीन दर्जन से ज्यादा बड़े बिजनेसमैन के फोन सर्विलांस पर लगाए गए हैं।

फेस्टिव सीजन में चार गुना बढ़ा

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर बताया कि कारोबारी टैक्स बचाने और सेफ्टी के लिए हवाला के जरिए पैसे का लेनदेन करते है। फेस्टिव सीजन में ये कारोबार तीन से चार गुना बढ़ जाता है। कारोबारी ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए करोड़ों रुपये से बाजार में माल भर लेते हैं। जिसको वो सीजन में मुंह मांगे दाम पर बेचते है। इस तरह फेस्टिव सीजन में बाजार में करोड़ों रुपये का लेनदेन होता है। जिसमें ज्यादातर पैसा हवाला के जरिए ही भेजा जाता है। कारोबारी उतने पैसे का ही पेमेंट एक नंबर से करता है। जितना उसको टैक्स देना होता है। बाकी का पैसा वह गैरकानूनी तरीके यानि हवाला के जरिए इधर से उधर भेजता है। कारोबारी को पैसा लेकर चलने में लुटने का डर रहता है। यहां कई कारोबारियों के साथ लूट की वारदात हो चुकी है। कारोबारियों को हवाला के जरिए पैसे इधर से उधर भेजने में लुटने का डर नहीं होता है। कारोबारी को बस हवाला के जरिए पैसे इधर से उधर करने वाले को रकम पहुंचानी होती है। इसके बाद पैसे की गारंटी हवाला का गोरखधंधा करने वाले की होती है।

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पुलिस और खुफिया अपना काम कर रही है। क्या जानकारी किस मामले में मिली है ये पूरी तरह गोपनीय है। इसको शेयर नहीं किया जा सकता है।

अनंत देव, एसएसपी, कानपुर नगर

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पहले पकड़ी जा चुकी है ब्लैक मनी

- दो साल पहले नयागंज से पकड़े गए थे तीन करोड़ रुपए

- किदवईनगर निवासी कारोबारी से दो करोड़ रुपए पकड़े गए

- कुछ वर्ष पूर्व पुलिस ने दस करोड़ रुपये वैन से बरामद किए थे

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0.5 प्रतिशत कमीशन पर 'खेल'

-कानपुर में पिछले 15 दिनों के अंदर जमकर हुआ 'हवाला का खेल', खेल करने वालों पर स्पेशल 'नजर'

कानपुर- कानपुर और आसपास के एरिया में हवाला का गोरखधंधा 0.50 का कमीशन पर होता है। हवाला में छोटे नोट जैसे 10, 50 और 100 के नोट की गड्डी नहीं लेते है। वे बड़े नोट 2000 और 500 के नोट की गड्डी लेते है। वे रुपये लेने के बाद 10 या अन्य किसी नोट को फाड़कर आधा हिस्सा कारोबारी को दे देते है। इस नोट का नंबर ही कोड नंबर होता है। जिसके बताने पर ही कारोबारी के आदमी को रकम ट्रांसफर की जाती है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने पूरे मामले की पड़ताल की तो मालूम चला कि हवाला जरिए 'खेल' करने वालों पर स्पेशल नजर रखी जा रही है। जिससे उनको शिकंजे में लिया जा सके।

एक कमरे से आपरेट होता है गोरखधंधा

हवाला का गोरखधंधा गैरकानूनी है इसलिए यह चोरी छुपे धंधा होता है। ज्यादातर हवाला का कारोबार किसी दूसरे कारोबार की आड़ में होता है। यह कारोबार एक कमरे से आपरेट होता है। जहां फर्श पर नोटों की गड्डियां पड़ी रहती है। दो से तीन आदमी नोट गिनने के लिए रखे जाते है। अब तो हवाला करने वालों ने ऑफिस में नोट गिनने वाली मशीन लगा रखी है।

क्या होता है हवाला

पूर्व पुलिस अधिकारी बीके मौर्य ने बताया कि हवाला अवैध तरीके से एक जगह से दूरी जगह पैसे भेजने का गोरखधंधा है। हवाला के जरिए कोई भी घर बैठ दुनिया के किसी भी कोने में कितना भी पैसा भेज सकता है। यह गोरखधंधा सफेदपोश पूंजीपति का ग्रुप करता है। जिसमें कुछ क्रिमिनल्स भी शामिल रहते है। हवाला के गिरोह के एजेंट दुनिया के हर कोने में फैले होते है। जिनके जरिए रुपये का लेनदेन होता है। मसलन किसी आदमी को ब्लैक मनी कानपुर से मुंबई भेजनी होती है तो हवाला करने वालों तक पैसा पहुंचना होता है। अगर वह पैसा लेकर खुद जाएगा तो उसको लुटने या पकड़े जाने का डर रहता है। हवाला में पैसा पहुंचने पर कारोबारी को नोट के आधे हिस्से में कोड नंबर दे दिया जाता है। यह कोड नंबर कारोबारी का आदमी मुंबई में हवाला के एजेंट को बताकर पेमेंट ले लाता है। इस कारोबारी शहर में बैठे बैठ मुंबई या अन्य किसी हिस्से में पेमेंट कर देता है। इसमें हवाला वाले कमीशन लेते है।

नयागंज बाजार है गढ़

शहर में दो दशक से भी ज्यादा समय से हवाला का अवैध कारोबार हो रहा है। इंटैलिजेंस के मुताबिक शहर में नयागंज मार्केट हवाला का गढ़ है। यहां से रोजाना करोड़ों रुपये हवाला के जरिए दूसरी जगह भेजे जाते है। इसके अलावा जनरलगंज, बादशाहीनाका, घुमनी बाजार जैसे घने इलाकों में भी हवाला का काम हो रहा है। हवाला करने वाले पूंजीपतियों की पहुंच आला अफसरों से लेकर मंत्रियों और अन्य विभागों में रहती है। तभी पुलिस और टैक्स अफसर उन पर हाथ डालने से बचते है।

ये कारोबारी हवाला से भेजते है पैसा

कानपुर को सूबे की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है। यहां हजारों बड़े कारोबारी है। पान मसाला, ज्वैलरी, किराना, सुपारी, सब्जी मसाला, गल्ला, स्क्रैप, समेत अन्य बड़े कारोबारी हवाला के जरिए ही पेमेंट करते है। इसके अलावा चमड़ा और कपड़ा कारोबारी भी हवाला के जरिए पैसा भेजते है। शहर से हवाला से सबसे ज्यादा पैसा मुंबई, दिल्ली और कोलकाता भेजा जाता है। चमड़ा कारोबारी ज्यादातर विदेश में माल भेजते है। इसके चलते वे विदेश से हवाला के जरिए पैस मंगवाते है। कपड़ा कारोबारी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता पैसा भेजते है।

Posted By: Inextlive