बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीड़िता के कहने पर दुष्कर्म के मामले में दर्ज एक एफआईआर को रद कर दिया है। पीड़िता का कहना है कि वह और आरोपी अब शादीशुदा हैं और एक साथ खुशी से रह रहे हैं।


कानपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीड़िता की अपील पर दुष्कर्म के मामले में दर्ज एक एफआईआर को रद कर दिया है। पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसने और दुष्कर्म के आरोपी ने अब एक दूसरे से शादी कर ली है और दोनों एक साथ खुशी से रह रहे हैं। पिछले महीने दिए गए एक आदेश में जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भर्ती डांगरे ने महिला द्वारा आरोपी के खिलाफ मुंबई के एक पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 376 और धारा 420 के तहत दर्ज कराई गई एफआईआर को रद कर दिया। बता दें कि यह दोनों धारा दुष्कर्म और धोखधड़ी से जुड़ी हैं। समझा बुझाकर मामले को परिवारवालों ने सुलझाया
पिछले महीने दंपति ने अदालत में कहा कि दुष्कर्म की कथित घटना के समय वे परस्पर सहमति से रिश्ते में थे और उस महिला ने एफआईआर दर्ज तब कराई थी जब पुरुष ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अदालत को बताया कि बाद में उनके परिवारवालों ने उन्हें ठीक तरह से समझा बुझाकर विवाद को सुलझाया। इसके बाद इसी साल जनवरी में दोनों ने शादी कर ली। पीड़िता ने अदालत में कहा कि वह और आरोपी एक साथ खुशी से रह रहे हैं। इसलिए, आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को अब रद दिया जाये। पीड़िता की अपील और मौजूदा परिस्थितियों के बाद पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि दुष्कर्म की घटना के समय दोनों रिलेशन में थे। आरोपी के खिलाफ मुकदमा जारी रखना महिला के कल्याण के खिलाफ होगा क्योंकि वे अब शादीशुदा हैं।रांची के धुर्वा में बांग्लादेशी घुसपैठियों की सूचना, लगा रहे भारत विरोधी नारेमुकदमा जारी रखने का कोई मतलब नहींजजों की पीठ ने कहा कि दोनों ने 19 जनवरी 2019 को स्पेशल मैरेज अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के तहत शादी कर ली है। उन्होंने विवाह का एक प्रमाण पत्र भी जमा  किया है। वे कहते हैं कि वे विवाहित हैं और पति-पत्नी के रूप में एक साथ रहते हैं। इसलिए आरोपी पर मुकदमा जारी रखने का अब कोई मतलब नहीं होगा।

Posted By: Mukul Kumar