अमरीका में एक अजीब मामला सामने आया जब 53 साल पहले मां का बेटे को लिखा पोस्टकार्ट उसे मिला...फेसबुक की मदद से!

स्कॉट मैक्मरी की मां ने उन्हें 1958 में शिकागो से एक पोस्टकार्ड लिखा था। मैक्मरी को लिखे पोस्ट कार्ड में जॉर्जिया का पता था। लेकिन वर्ष 1958 में लिखा पोस्टकार्ड पिछले मंगलवार को अमरीका के डाक विभाग ने जॉर्जिया के बदले फ्लोरिडा पहुंचा दिया।

दूसरी जगह पहुंची चिठ्ठीपोस्टकार्ड पर मैक्मरी की मां ने अपने बेटे के जार्जिया के घर का पता लिखा था, जहां उन्होंने अपना बचपन गुजारा था। लेकिन 53 साल के बाद मिली यह चिठ्ठी जब पहंची तो वह मैक्मरी को नहीं मिली बल्कि फ्लोरिडा की एलिजाबेथ फ्लेचर को मिली, जिनका उस चिठ्ठी से कोई वास्ता नहीं था।

पोस्टकार्ड को देखने के बाद एलिजाबेथ फ्लेचर को लगा कि कहीं न कही कुछ गड़बड़ी जरूर है, क्योंकि उस पर दो सेंट का डाक टिकट लगा था। फिर फ्लेचर को लगा कि दो सेंट का डाक टिकट तो कब का बंद हो गया है

ली फेसबुक की मददइसके बाद फ्लेचर ने फेसबुक की मदद ली और उस पोस्टकार्ड को फेसबुक पर डाल दिया। फेसबुक पर पोस्टकार्ड के डालने के बाद लोगों ने उस व्यक्ति को तलाशना शुरु किया जिनका उस पर पता लिखा था।

फेसबुक पर पोस्टकार्ड के डाले जाने के बाद एलिजाबेथ फ्लेचर को उनके दोस्तों ने बताया कि ये पोस्टकार्ड स्कॉट मैक्मरी को मिलना चाहिए था।

स्कॉट मैक्मरी अमरीका के न्याय मंत्रालय में इतिहासकार हैं। मैक्मरी को उनकी मां ने जब पोस्ट कार्ड लिखा था तो वे 18 साल के थे लेकिन जब उन्हें वो मिला तो वे 71 साल के बुजुर्ग हो गए हैं।

लिखावट से पहचानाजब यह पोस्टकार्ड मैक्मरी के हाथ लगा तो उन्होंने उसे तत्काल पहचान लिया। उन्होंने कहा, “ज्योंहि मैंने पोस्टकार्ड देखा, अपनी मां की लिखाबट तुरंत पहचान ली। वैसे पोस्टकार्ड का मिलना तो अविश्वनीय सा लगता है.” पोस्टकार्ड मिलने से स्कॉट मैक्मरी काफी खुश हैं। लेकिन उनका कहना है, “अगर इंटरनेट नहीं होता तो यह चिठ्ठी मुझे कतई नहीं मिलती.”

कछुए की चाल से चलने वाले इस पोस्टकार्ड को पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा यह तो पता नहीं है लेकिन मैक्मरी का कहना है कि दूसरी बार इसपर मिशिगन पोस्ट ऑफिस की मुहर लगी है, जिसपर अप्रैल 2012 दर्ज है।

Posted By: Inextlive