RANCHI : जन्म से पूर्व लिंग परीक्षण को लेकर पीसीपीएनडीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है। यानी हर हाल में लिंग परीक्षण को रोकना ही होगा। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहीं। वह बुधवार को आईपीएच सभागार नामकुम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत पीसीपीएनडीटी एक्ट पर राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे।

चुनौती बनी कन्या भ्रूण हत्या

मंत्री ने कहा कि जन्म पूर्व लिंग परीक्षण के कारण कन्या भ्रूण हत्या देश के लिए चुनौती बन गई है। खासकर शहरी क्षेत्रों में यह अधिक हो रहा है। ग्रामीण परिवेश में भी अपनी जगह गहराई से बनाने लगा है। यदि इसे अभी सख्ती से नहीं रोका गया तो वो दिन दूर नहीं जब महिलाओं की आबादी पुरुषों की तुलना में बहुत कम हो जाएगी। 2001 की जनगणना के अनुसार, भारत का लिंगानुपात 933 एवं झारखण्ड का 941 था। परंतु 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत का लिंगानुपात 940 एवं झारखण्ड का 949 है, 1901 में झारखण्ड का लिंगानुपात 1032 था, जो घटकर 2011 में 949 हो गया है। यह हम सब के लिए बहुत ही चिन्ता का विषय है। बैठक में विधायक विमला प्रधान, विधायक गंगोत्री कुजूर, डॉ अमिताभ कौशल, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड, डॉ प्रवीण चंद्रा, निदेशक प्रमुख, डॉ सुमंत मिश्रा, निदेशक लोक स्वास्थ्य संस्थान, नामकुम तथा डॉ0 विद्या गुप्ता भी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive