RANCHI: ब्लड की कमी होने पर डॉक्टर सीधे होल ब्लड की डिमांड कर देते हैं, जबकि इसके कंपोनेंट से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में हेल्थ सेक्रेटरी डॉ। नितिन मदन कुलकर्णी ने प्राइवेट हॉस्पिटलों के डॉक्टरों को होल ब्लड की डिमांड नहीं करने का निर्देश दिया है। सदर हॉस्पिटल में हीमोफीलिया डे केयर सेंटर की शुरुआत करने के बाद प्राइवेट हॉस्पिटलों के प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने बैठक की।

प्राइवेट हॉस्पिटल लगाएं कैंप

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में सिटी के 343 प्राइवेट हॉस्पिटलों ने 32,989 यूनिट ब्लड इस्तेमाल किया है। ऐसे में हर महीने 100 से ज्यादा यूनिट ब्लड की डिमांड है तो इसके लिए कैंप लगाना होगा। इसे लेकर आदेश भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद हॉस्पिटल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मौके पर सिविल सर्जन डॉ। विजय बिहारी प्रसाद, ब्लड बैंक के डॉ। विमलेश सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

हीमोफीलिया को लेकर करें जागरूक

डॉ कुलकर्णी ने कहा कि हॉस्पिटल अपने कैंपस में कंपोनेंट सेपरेटर इंस्टॉल करें, जिसका कई मरीजों को फायदा होगा। इसके अलावा उन्होंने हीमोफीलिया सोसायटी के अधिकारियों से प्रचार प्रसार को तेज करने को भी कहा ताकि लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक हों। इससे पहले उन्होंने पेडियाट्रिक वार्ड में जाकर सुविधाओं की जानकारी ली और उसमें सुधार करने का निर्देश भी दिया।

Posted By: Inextlive