AGRA: शाहजहां के 357वें उर्स के लिए ताजमहल तैयार है. साल भर बंद रहने वाले दरवाजे खुलने और गुस्ल की रस्म के साथ जियारत का दौर शुरू होगा. खुद्दाम-ए- रोजा कमेटी की ओर से सबसे बड़ी चादर भी मजार पर पेश की जाएगी. इस उर्स में शरीक होने के लिए मुगल वंशज प्रिंस तूसी


शाहजहां के वंशज करेंगे शिरकतमुगल बादशाह शाहजहां के 357वें उर्स के मौके पर उनके वंशज शरीक होंगे। हैदराबाद में रहने वाले शाहजहां के वंशज प्रिंस याकूब हबीबउद्दीन तूसी ताजमहल में ऑर्गनाइज तीन दिवसीय उर्स में 16 जून को पार्टिसिपेट करेंगे। उनके मीडिया प्रभारी वहीदउल्लाह राज के मुताबिक, वे 16 जून की दोपहर दो बजे ताज परिसर पहुंचेंगे। 17 जून को दस बजे एत्माद्दौला जाएंगे। साथ ही शाम को संदल की रस्म में शामिल होंगे।खास हैं ये दिन
सूफी तरबियत के शहंशाह हजरत मोहम्मद शाहबुद्दीन शाह शाहजहां के 357वें उर्स की तैयारियां जोरों पर हैं। 16 से 18 जून तक चलने वाले इस तीन दिनी उर्स पर हर साल की तरह इस बार भी देश भर से जियारत के लिए अकीदतमंद ताजमहल पर जुटेंगे। इन तीन दिनों में साल भर लोगों के लिए बंद रहने वाली शाहजहां और मुमताज की मजार को भी नजदीक से देख सकेंगे। उर्स के दौरान ताजमहल पर कोई एंट्री टिकट भी नहीं होगा।


सुरक्षा के लिहाज से बैनर, पोस्टर, चाकू, खैनी, सिगरेट, माचिस नहीं लाने की इजाजत होगी। लेकिन, जायरीनों के अगरबत्ती, फूल, चादर, मोमबत्ती लाने पर कोई बंदिश नहीं होगी। मंडे को एएसआई की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश अमन कमेटी और उर्स आयोजन समिति की बैठक हुई।गुस्ल की रस्म से उर्स का आगाजउत्तर प्रदेश अमन कमेटी के प्रदेश मुख्य संचालक सैय्यद मुनव्वर अली के मुताबिक 16 जून को दो बजे के बाद नमाज जौहरे गुस्ल की रस्म के लिए शाहजहां और मुमताज की असली मजारों के दरवाजे अकीदतमंदों की जियारत के लिए खोल दिए जाएंगे। ये दरवाजे साल भर बंद रहते हैं। उर्स के दौरान तीनों दिन इन मजारों की जियारत की जा सकेगी। 17 जून को दो बजे संदल की रस्म होगी। इसके साथ ही मिलाद शरीफ व कव्वाली का सिलसिला शुरू होगा। 18 जून को नमाज फजर कुल शरीफ, फातिहा, कुरआरखानी के बाद चादरपोशी की जाएगी। 575 मीटर लंबी चादरचादरपोशी के तहत पहली चादर अजूमन-ए-मोहम्मदिया की ओर से पेश की जाएगी। हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी यह चादर चढ़ाएंगे। पूर्व एमएलए जुल्फिकार अली भुट्टो और कैंट से एमएलए गुटियारी लाल दुबेश दूसरी चादर पेश करेंगे। रामजीलाल सुमन और रईसुद्दीन मजार पर तीसरी चादर चढ़ाएंगे।

उर्स पर हर बार की तरह इस बार भी रोजा-ए-खुद्दाम कमेटी सबसे बड़ी चादर शहंशाह को पेश करेगी। पिछली बार पेश की गई 400 मीटर की चादर की पेश करने वाली यह कमेटी इस दफा 575 मीटर चादर चढ़ाएगी। उर्स पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कांग्रेसी लीडर इब्राहिम जैदी, एएसआई, होटल एंड रेस्टारेंट ओनर एसोसिएशन की ओर से भी चादरें चढ़ाई जाएंगी। उर्स के समापन पर सीआईएसएफ और ताजमहज की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों भी चादर पेश करेंगे।357वें उर्स के प्रोग्राम-आज दो बजे से गुस्ल की रस्म, मीलाद शरीफ और मुशायरा ऑर्गनाइज किया जाएंगा।-17 जून को दो बजे से संदल शरीफ और कव्वाली ऑर्गनाइज होगी-18 जून मार्निंग टू ईवनिंग कुरान ख्वानी, कुलशरीफ, दुआ और चादर पोशी के प्रोग्राम ऑर्गनाइज होंगे।शाहजहां के वंशज करेंगे शिरकतमुगल बादशाह शाहजहां के 357वें उर्स के मौके पर उनके वंशज शरीक होंगे। हैदराबाद में रहने वाले शाहजहां के वंशज प्रिंस याकूब हबीबउद्दीन तूसी ताजमहल में ऑर्गनाइज तीन दिवसीय उर्स में 16 जून को पार्टिसिपेट करेंगे। उनके मीडिया प्रभारी वहीदउल्लाह राज के मुताबिक, वे 16 जून की दोपहर दो बजे ताज परिसर पहुंचेंगे। 17 जून को दस बजे एत्माद्दौला जाएंगे। साथ ही शाम को संदल की रस्म में शामिल होंगे।

Posted By: Inextlive